भारत चीन युद्ध सबसे पहले तो मै ये बताना चाहता हूँ की ये आर्टिकल किसी भी युद्ध को सपोर्ट नहीं करता है , क्योंकि आज तक युद्ध से किसी का भी फायदा नहीं हुआ है।
अब आते है मेन उद्दे पर युद्ध नहीं होगा बस रस्सा-कस्सी का खेल चलता रहेगा। लेकिन अगर युद्ध हुआ तो क्या ( कुछ वर्तमान समीकरणों पर आधारित, मात्र मनोरंजन के लिए पढ़े, क्योंकि ऐसा होने वाला है नहीं ) –
पहले तो वर्तमान समय में युद्ध की परिभाषा बदल चुकी है। भविष्य में अगर युद्ध हुए तो आर्थिक युद्ध, स्पेस युद्ध, इमेज युद्ध, साइबर युद्ध जैसे युद्ध ही होंगे। सीमा में कभी वो 2 मीटर इधर आ जायेंगे और कभी कम 2 मीटर उधर चले जायेंगे।
इसमें एक भी गोली नहीं चलेगी लेकिन भारतीय मीडिया में ब्रेकिंग न्यूज़ जरुर चलेगी – “चीन अपनी हरकतों नहीं आ रहा बाज” , “चीन ने भारत को दिखाई आँख”, ” चीन को करारा जवाब देने का वक़्त” , “भारत कब देगा मुँह तोड़ जवाब” … ( ओह माफ़ी चाहूंगा ये तो हो चुका है) खैर “कॉमेडी विद इंडियन मीडिया” को अलग रखते हैं।
भारत चीन युद्ध
किसी भी प्रकार के युद्ध में लोकतान्त्रिक भारत के पास बहुत से मित्र हैं। लोकतंत्र एक बहुत बड़ा हथियार भारत के पास है। भारत के परम मित्रों की सूचि निम्नलिखित है-
जापान – चीन नीति में दोनों ही एक मंच में हैं। चीन की आक्रामक विस्तारवादी नीति से दोनों को ही खतरा है।
रूस- रूस भारत के साथ विकट से विकट परिस्थियों में भी खड़ा रहा है। और चीन के साथ किसी भी परिस्थिति में रूस मध्यस्थ रहेगा या भारत के पक्ष में।
दक्षिण कोरिया- अमेरिकी नीति के अनुरूप दक्षिण कोरिया पक्ष लेगा। लेकिन भारत की और झुकाव स्वाभाविक है।
भारत चीन युद्ध
आसिआन देश- ऐसी काल्पनिक स्थिति में ये समूह बंट जायेगा, और राष्ट्र भारत व चीन को घरेलू नीति के तहत स्वतंत्र समर्थन देंगे।
इसराइल- ये कहाँ रहेगा इस पर लिखने की जरुरत नहीं।
ऑस्ट्रेलिया- लोकतान्त्रिक मूल्यों के नाम पर ऑस्ट्रेलिया भारत की ओर रहेगा।
अमेरिका- निर्भर करता है कि तब अमेरिका को भारत से कितना लाभ हो रहा होगा। आशा यही करते हैं कि अमेरिका लोकतान्त्रिक मूल
बलात्कार को कैसे रोके
Two World twokog.com के सोशल मीडिया चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करिये –
फ़ेसबुक
ट्विटर
इंस्टाग्राम