Corona Vaccine LIVE: कोरोना वैक्सीन आपको कब लगेगी, SMS भेज बताएगी सरकार,
कोरोना वायरस की चार-चार वैक्सीन (Pfizer, Moderna, AstraZeneca और Sputnik V) का अंतरिम एफेकसी डेटा (efficacy data) सामने आ चुका है। ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन जहां ओवरऑल 70.4% असरदार रही, वहीं बाकी तीनों का सक्सेस रेज 94% से ज्यादा है। ऑक्सफर्ड का टीका भी खास डोज पैटर्न पर 90% तक असर करता है। रूसी वैक्सीन को छोड़कर बाकी सभी वैक्सीन अब रेगुलेटर्स के पास इमर्जेंसी अप्रूवल के लिए जाएंगी। वैक्सीन के अगले साल की शुरुआत में उपलब्ध होने की संभावना प्रबल हो गई है। भारत सरकार ने टीकाकरण कार्यक्रम की रूपरेखा लगभग बना ली है। प्राथमिकता के आधार पर टीका किन्हें और कैसे दिया जाए, इसका पूरा खाका खींचा जा रहा है।
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SMS भेजेगी सरकार, वैक्सीन लगने का सर्टिफिकेट भी मिलेगा
भारत का दम देखने आ रहे दुनियाभर के राजदूत
पीएम मोदी ने वैक्सीन पर दिए ताजा अपडेट्स
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मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों संग बैठक में कोरोना वैक्सीन पर विस्तार से बात की थी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन कब आएगी, यह वैज्ञानिकों के हाथ में है। पीएम ने साफ किया कि कोरोना टीकाकरण का अभियान लंबा चलने वाला है। वैक्सीन को लेकर जो प्रमुख बातें कहीं, वो इस प्रकार हैं:
- कौन सी वैक्सीन कितनी कीमत में आएगी, यह तय नहीं है।
- भारत अपने नागरिकों को जो भी वैक्सीन देगा, वह हर वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी।
- वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए राज्यों के साथ मिलकर की तैयारी जा रही है।
- वैक्सीन का एक विस्तृत प्लान जल्द ही राज्यों से साझा कर दिया जाएगा।
- कोरोना वैक्सीन को लेकर निर्णय वैज्ञानिक तराजू पर ही तौला जाना चाहिए। हम कोई वैज्ञानिक नहीं हैं। हमें व्यवस्था के तहत चीजों को स्वीकार करना पड़ेगा। हमें इन चीजों को वैश्विक संदर्भ में देखना पड़ेगा।
रूसी कोरोना वैक्सीन Sputnik V का एफेकसी डेटा मंगलवार को जारी कर दिया गया। वैक्सीन 95% तक असरदार मिली है। यह वैक्सीन करीब 20 डॉलर में उपलब्ध होगी जो अमेरिकी कंपनियों के मुकाबले कम कीमत है। वैक्सीन दो तरह के तापमान पर रखी जा सकती है। लिक्विड वैक्सीन को -18 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत पड़ती है जबकि फ्रीज-ड्राई वैक्सीन को 2 से -8 डिग्री के बीच रखना पड़ता है। कई भारतीय कंपनियां इस वैक्सीन की डोज बनाएंगी। रिसर्चर्स के अनुसार, यह वैक्सीन इंसानी एडेनोवायरस के दो अलग-अलग वेक्टर्स का इस्तेमाल करती है जिसके चलते इसे मजबूत और लंबा इम्युन रेस्पांस देने की काबिलियत मिलती है।
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