दैनिक भास्कर ने 700 करोड़ की आय छिपाई, वित्त मंत्रालय का दावा वित्त मंत्रालय ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि दैनिक भास्कर समूह ने छह साल की अवधि में 700 करोड़ रुपये की आय छुपाई है. आयकर विभाग ने बीते गुरुवार यानी 22 जुलाई को भारत के प्रमुख मीडिया समूहों में से एक दैनिक भास्कर के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेज़) की प्रवक्ता सुरभि आहलूवालिया ने बीबीसी से दैनिक भास्कर के ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई की पुष्टि भी की थी.
जिसके बाद सरकार की काफी आलोचना भी हुई और आरोप भी लगे की सरकार विरोधी ‘सच्ची ख़बरें’ दिखाने के कारण ये छापे पड़े हैं. 22 तारीख़ हुई इस छापेमारी के संदर्भ में वित्त मंत्रालय की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है. इसके अनुसार, आयकर विभाग ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 132 के तहत 22 जुलाई की कार्रवाई की. यह समूह मीडिया, बिजली, कपड़ा और रियल एस्टेट समेत कई क्षेत्रों के कारोबार में शामिल है. वित्त मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक़, समूह का 6000 करोड़ रुपये से अधिक का सालाना का कारोबार है.
समूह में होल्डिंग और सहायक कंपनियों सहित 100 से अधिक कंपनियां हैं फ़र्जी ख़र्चों की बुकिंग और फ़ंड की रूटिंग के आरोप वित्त मंत्रालय की विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि तलाशी के दौरान पता चला है कि समूह अपने कर्मचारियों के नाम पर कई कंपनियों का संचालन कर रहा है. जिनका इस्तेमाल फ़र्जी ख़र्चों की बुकिंग और फ़ंड की रूटिंग के लिए किया गया है. तलाशी के दौरान कई कर्मचारियों, जिनके नाम शेयरधारकों और निदेशकों के रूप में इस्तेमाल किए गए थे, उन्होंने स्वीकार किया है कि उन्हें ऐसी कंपनियों के बारे में पता तक नहीं था.
तलाशी में कुछ लोग ऐसे भी मिले हैं जिन्होंने कागजात पर हस्ताक्षर तो किए थे लेकिन उन्हें कंपनियों की किसी भी व्यावसायिक गतिविधि की जानकारी नहीं थी, जिसमें उन्हें शेयरधारक माना जाता था. विज्ञप्ति के मुताबिक़, इन तरीकों के इस्तेमाल से छह साल की अवधि में 700 करोड़ रुपये की आय छुपाई गई. दावा है कि यह रकम अधिक भी हो सकती है और पता करने के लिए जांच की जा रही है.
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