Science news: तूफान से पहले और बाद में क्या करना है बहुत जरूरी, जानिए वो बातें

By | May 18, 2021
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Science news: तूफान से पहले और बाद में क्या करना है बहुत जरूरी, जानिए वो बातें

इस समय देश में ताउते तूफान के तबाही की खबरें आ रही हैं. इस तूफान ने देश के पश्चिमी छोर पर अच्छी खासी तबाही मचा दी है. कई राज्य इससे प्रभावित हुए हैं. तूफान के दौरान अगर फंस जाएं तो किन बातों का खयाल रखें, इसी तरह तूफान के बाद किन बातों को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए.

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तूफान से पहले और बाद में क्या करना है बहुत जरूरी, जानिए वो बातें

इस समय देश में ताउते तूफान आया हुआ है, जिसने देश पश्चिमी समुद्री तटीय इलाकों पर तबाही मचाई हुई है. बांबे हाई इसके कारण सैकड़ों लोग फंस गए. तो बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ. अब तो खैर तकनीक इतनी मजबूत हो गई है कि तूफान आने से पहले उसके बारे सबकुछ पता लग जाता है. बचाव के इंतजाम शुरू हो जाते हैं लेकिन इसके बावजूद हममे से अक्सर कई लोग इसमें फंस ही जाते हैं. जानिए तूफान से पहले और तूफान के बाद क्या करना जरूरी है.

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तूफान आने से पहले की जानकारी हो तो सबसे जरूरी घर की मजबूत है. अगर घर का कोई हिस्सा कमजोर है तो उसकी मरम्मत की जाए. तूफान से पहले पेड़, टहनियों और उन इमारतों से दूर रहना चाहिए जो हवा के तेज बहाव में उड़कर नुकसान पहुंचाएं.

तूफान के दौरान सबसे पहले मौसम विभाग की एक एक जानकारी पर नजर रखें. घर के अंदर ही रहें, बहुत जरूरत पड़ने पर बाहर जाने का रिस्क लें. टीन और मेटल से बनी इमारतों से दूरी बनाए रखें. घर में मौजूद सभी इलेक्ट्रॉनिक सामानों का प्लग ऑफ कर दें.

तूफान के बाद सबसे पहले ज्यादा प्रभावित इलाके से दूर चले जाएं. पीड़ित बच्चे और महिलाओं की मदद पहले करें. मौसम की भविष्यवाणी पर नजर रखें.

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महाविनाश के बाद शाकाहारी जीवों को करना पड़ा था खुद में ये बदलाव

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आज से 25 करोड़ साल पहले पृथ्वी (Earth) पर एक महाविनाश (Mass Extinction) आया था. पर्मियान-ट्रियासिक (Permian- Triassic Mass extinction) दौर में आया यह पृथ्वी का सबसे ज्यादा विनाशकारी महाविनाश था जिसमें दुनिया की दो तिहाई प्रजातियों को नाश हो गया था. एक शोध में पाया गया है कि इस महाविनाश के बाद बचे हुए पौधे खाने वाले जीवों (Herbivores) को अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए कठोर खाद्य सामग्री खानी पड़ी जिसके लिए उन्हें अपने शरीर में बदलाव करने पड़े.

ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि पर्मियान युग (Permian Era) के अंत में आए इस महाविनाश (Mass Extinction) के बाद पौधे खाने वाले जीवों को खुद में बहुत तेजी से बदलाव करना पड़े जिससे वे नए और अलग तरह के पौधे खा सकें. इनमें से एक यह था कि वे कठोर पदार्थ चबाने लगे थे. यह बाद महाविनाश के बाद आए उत्तर ट्रियासिक काल के सूखे हालातों में दिखाई दी. इन मजबूत शाकाहारी जीवों में कई शुरुआती डायनासोर (Dinosaurs) भी थे.

इस महाविनाश (Mass Extinction) के बाद ट्रियासिक काल (Triassic Era) में पारिस्थितिकी तंत्रों का फिर से विकास हुआ जिससे 25 से लेकर 20 करोड़ साल पहले के समय में नई प्रजातियों (Species) का निर्माण हुआ और बहुत सारे पौधे और जानवर सामने आए. नेचर कम्यूनिकेशन में प्रकाशित इस शोध की अगुआई ब्रिस्टल स्कूल ऑफ अर्थ साइंस के डॉ सुरेश सिंह ने की है. इस अध्ययन में महाविनाश से उबरने के बाद के समय की जटिलताओं के ताजा प्रमाण मिले है.

डॉ सिंह ने बताया है कि उनकी टीम पेड़ पौधे खाने वाले जीवों (Herbivores) पर ध्यान देना चाहती थी जिसमें कुछ डायनासोर (Dinosaurs) भी शामिल हैं. शाकाहारी जीव किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) में बहुत अहम होते हैं. शोधकर्ताओं ने ऐसे प्रमाण पाए कि कई जीवों ने इस उथल-पुथल वाले समय में विशेषज्ञता हासिल कर ली. जबकि महाविनाश के बाद ग्लोबल वार्मिंग और अम्लवर्षा जैसे प्रभावों के बार बार दिखने पर भी बचे हुए जीव नई खुराकों को खोजते रहे.

शोधकर्ताओं ने इस युग के शाकाहारी जीवों (Herbivores) को कई समूहों में बांटा जैसे इंजेश्चन सामान्यज्ञ, प्रीहेन्शन विशेषज्ञ, ड्यूरोफेगस विशेषज्ञ, शियरिंग पल्पर्स और हेवी ओरल प्रोसेसर्स. ये सभी नाम उनकी शक्तिशाली जबड़े, दांतों और जिस प्रकार के पौधे वे खाते हैं, उसे दर्शाते हैं. शोधकर्ताओं ने हजारों जीवाश्म जबड़ों (Jaw Fossils) का अध्ययन किया और पाया कि इनके काटने और चबाने की क्षमता और ताकत आज के जानवरों (Animals) की तुलना में बहुत ज्यादा थी.

अध्ययन में इस महाविनाश (Mass Extinction) के बाद के 8 करोड़ साल के बाद के समय के जीवों का अध्ययन किया गया जिसमें पहले शाकाहारी डायनासोर (Dinosaurs) शामिल थे. शोधकर्ताओं ने इस काल के जीवों के खानपान की सभी विशेषताओं का उद्भव वृक्ष बनाया और पाया कि इस काल में शाकाहारी जीवों (Herbivores) के बहुत से नए समूह आ गए थे. इनमें पौधों में भी विविधता आई थी वहीं शाकाहारी जानवरों में एक समूह ऐसा भी था जो कठोर पौधे खा लेता था और उनके जबड़े बहुत शक्तिशाली थे.

इससे पता चलता है कि उत्तर ट्रियासिक काल (Triassic Era) में हालात कितने सूखे थे. यहां बहुत से नर्म पौधों की संख्या बहुत कम हो गई थी. सूखे शंकुधारी जैसे पौधे चारों ओर फैले थे. इस शोध से यह भी पता चलता है कि क्यों बहुत सारे शाकाहारी जीव (herbivores) विलुप्त हो गए थे. शोधकर्ताओं का कहना है कि उनके पास एक बहुत बड़ा और उपयोगी डेटाबेस तैयार हो गया है जिसमें विभिन्न जीवों के बीच के उद्भव संबंधों की जानकारी है.

 

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