Global Warming:बहुत तेजी से गर्मी पकड़ रही है हमारी पृथ्वी, एक नहीं है वजह

By | June 27, 2021
Global Warming

Global Warming: नासा (NASA) के अध्ययन में पाया गया है कि पृथ्वी (Earth) 2005 की तुलना में ज्यादा ऊर्जा अपने पास रखने लगी है जिससे वह उम्मीद से बहुत तेजी से गर्म हो रही है. नासा (NASA) और उसके साथ अमेरिका की नेशनल ओसियानिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के एक शोध का दावा है कि पृथ्वी (Earth) की ऊष्मा पकड़ने की दर साल 2005 की तुलना में दोगुनी हो गई है जिससे वह अब ज्यादा तेजी महासागरों, हवा और जमीन को गर्म कर रही है. इस गति की पहले इतनी ज्यादा होने की उम्मीद नहीं थी. इतना ही नहीं शोध से यह भी पता चला है कि इसका संबंध  केवल मानवीय गतिविधियों से ही नहीं है.

अभूतपूर्व दर है ये
पिछले सप्ताह जियोफिजिकल रिसर्च लैटर्स में ‘द अर्थ इस वार्मिंग फास्टर दैन एक्सपैक्टेड” शीर्षक छपे अध्ययन के मुख्य लेखक और नासा वैज्ञानिक नॉर्मन लोएब ने बताया कि इसकी मात्रा के बढ़ने की दर अभूतपूर्व है. शोधकर्ताओं ने इसके लिए सैटेलाइट के आंकडों का उपयोग कर पृथ्वी की ऊर्जा असंतुलन को मापा, जो कि ग्रह के सूर्य से अवशोषित की गई ऊर्जा और उसे वापस अंतरिक्ष में  भेजी या प्रकीर्णित की गई ऊर्जा में अंतर होती है.

कैसा है अभी असंतुलन
यूनिवर्सिटी एट बुफैलो के जलवायु वैज्ञानिक स्टुअर्ट ईवान का कहना है कि जब असंतुलन धनात्मक होता है तो पृथ्वी ऊष्मा गंवाती कम और अवशोषित ज्यादा करती है. यह ग्लोबल वार्मिंग की ओर पहला कदम होता है. यह पृथ्वी के ऊर्जा हासिल करने का संकेत होता है.

कितनी ऊर्जा जुड़ी है
अध्ययन ने पाया है कि यह असुंतलन साल 2005 की तुलना में साल 2019 तक करीब दोगुना हो गया है. इस अध्ययन के सहलेखक और नोआ के पैसिफिक मरीन एनवायर्नमेंट लैबोरेटरी के लिए ओसियोनोग्राफर ग्रैगरी जॉनसन का कहना है कि यह एक बहुत बड़ी मात्रा की ऊर्जा है. ऊर्जा की बढ़त हिरोशिमा पर गिराए परमाणु बम के चार डिटोनेशन प्रति सेंकेंड के बराबर है या उस ऊर्जा के जो पृथ्वी का हर व्यक्ति एक बार में बीस चाय की इलेक्ट्रिक केतली का उपयोग करने में लगाएगा. इसकी संख्या दिमाग में रखना बहुत मुश्किल है.

पहले कितना था असंतुलन
पृथ्वी सूर्य से करीब 240 वाट प्रति वर्ग मीटर की ऊर्जा लेती है. साल 2005 में अध्ययन के शुरुआती समय में हमारा ग्रह 239.5 वाट प्रति वर्ग मीटर की दर से ऊर्जा विकीर्णन कर रहा था. जिससे आधे वाट का धनात्मक असंतुलन बन रहा था. लेकिन साल 2019 के अंदल में यह अंतर करीब दोगुना होकर एक वाट प्रति वर्ग मीटर हो गया है.

महासागर और सैटेलाइट के आंकड़े
महासागर सबसे ज्यादा करीब 90 प्रतिशत तक ऊष्मा अवशोषित करते हैं. जब शोधकर्ताओं ने सैटेलाइट के आंकड़ों को महासागरों के सेंसर्स के सिस्टम के बताए तापमान से तुलना की तो उन्होंने भी यही पाया. आंकड़ों के दोनों ही समूह उम्मीद से ज्यादा समान निकले और स्पष्ट तौर पर असंतुलन के नतीजों की पुष्टि करते दिखे.

तेजी की वजह?
सवाल यह था कि यह तेजी किस वजह से आ रही है. अध्ययन ने बादलों और समुद्री बर्फ के कम होने की ओर इशारा किया है जो सूर्य से आने वाली किरणों को प्रतिबिम्बित कर देती हैं. इसके अलावा अन्य कारकों में पानी की भाप सहित मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड जैसे ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ना भी ज्यादा ऊष्मा जमा होने के कारकों में से एक है जिनके कारण यह असंतुलन बढ़ रहा है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इन चक्रीय बदलाव में से इंसानी गतिविधियों के प्रभाव को अलग कर देख पाना मुश्किल है.

Microsoft Windows 11: लॉन्च के बाद ऐसा हुआ रंग-रूप, ये हैं टॉप के फीचर्स

 

इस द्वीप में समुद्री घास से बने घर

 

कोरोना वैक्सीन से शरीर के ‘चुंबक’ बनने का दावा, क्या हो सकता है ऐसा?

 

तूफान से पहले और बाद में क्या करना है बहुत जरूरी, जानिए वो बातें

भविष्य में हवा में सांस लेंगे सैटेलाइट, जानिए क्या होंगे उनके फायदे नुकसान

मंगल में मिल गयी ऑक्सीजन

Two World twokog.com के सोशल मीडिया चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ

क्लिक करिये –

फ़ेसबुक

ट्विटर

इंस्टाग्राम

Leave a Reply