
IND vs PAK: एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का महामुकाबला होने वाला है. दोनों टीमें साल भर के भीतर दूसरी बार टी20 विश्व कप में आमने-सामने होंगी. इस बार इस हाई वोल्टेज मुकाबले का गवाह बनेगा ऑस्ट्रेलिया का मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड. जहां दोनों टीमें इस साल 23 अक्टूबर को भिड़ेंगी. यह दोनों टीमों का ओपनिंग मैच भी है.
पिछले साल यूएई ओर ओमान में हुए टी20 वर्ल्ड कप में भी भारत-पाकिस्तान की टीमें ग्रुप स्टेज में भिड़ीं थीं. आखिर क्यों ऐसा होता है कि दोनों टीमों को एक ही पूल में रखा जाता है और नियमित तौर पर आईसीसी इवेंट के ग्रुप स्टेज में दोनों की टक्कर होती है.
नई दिल्ली. ND vs PAK इस साल 23 अक्टूबर का दिन खास होगा. क्योंकि 1 साल के भीतर दूसरी बार भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan) आईसीसी टी20 विश्व कप में आमने-सामने होंगे. यह मुकाबला मेलबर्न में खेला जाएगा और यह दोनों टीमों का टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) का पहला मैच होगा. बीते कुछ सालों में दोनों देशों के खराब रिश्तों का असर क्रिकेट पर भी पड़ा है और 2013 के बाद से कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं हुई है.
दोनों मुल्क सिर्फ आईसीसी इवेंट में ही एक-दूसरे से भिड़ते हैं. यह बात किसी से छुपी नहीं है कि भारत और पाकिस्तान में क्रिकेट को लोग दीवानगी की हद तक चाहते हैं. आईसीसी भी इस जुनून को भुनाने में पीछे नहीं है. इसलिए आईसीसी अपने इवेंट के शुरुआती स्टेज में ही भारत-पाकिस्तान के बीच कम से कम एक मुकाबला जरूर रखती है.
आइए समझते हैं आखिर क्यों ऐसा होता है? इसके पीछे पैसों के अलावा और क्या-क्या वजहें हैं. यह बताने से पहले आपको यह जानकारी दे देते हैं कि भारत और पाकिस्तान टी20 विश्व 2022 कप में कब, कहां और टूर्नामेंट के किस स्टेज में भिड़ेंगे.
भारत और पाकिस्तान (IND vs PAK) को टी20 विश्व कप के सुपर-12 राउंड में सीधे जगह मिली है. दोनों टीमें मुख्य राउंड के पहले वीकेंड पर आमने-सामने होंगी. यह मुकाबला 23 अक्टूबर (रविवार) को मेलबर्न के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जाएगा. इस मैच को देखने के लिए स्टेडियम में तकरीबन 90 हजार दर्शक पहुंच सकते हैं. पिछले साल यूएई में हुए टी20 विश्व कप के बाद पहली बार दोनों टीमों की टक्कर होगी. पिछले साल पाकिस्तान ने भारत को पहली बार किसी विश्व कप (वनडे और टी20) में हराया था.
आईसीसी टूर्नामेंट में कैसे ग्रुप तय होते हैं?
संभवतः, भारत और पाकिस्तान को एक ही पूल में रखने के बाद, सीडिंग और टीम रैंकिंग के आधार पर पर ग्रुप तय किए जाते हैं.
आईसीसी इवेंट में क्यों होता है भारत-पाकिस्तान का मुकाबला ?
इसका सीधा सा जवाब है कि यह मुकाबला स्टेडियम में दर्शकों की गारंटी देता है. इतना ही नहीं, इस हाई वोल्टेज मुकाबले की टेलीविजन व्यूअरशिप भी छप्परफाड़ होती है. इसके अलावा हो-हल्ला और मैच को लेकर शोर अलग. ICC लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि विश्व क्रिकेट में सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता का फायदा नहीं उठाना नासमझी ही होगी. इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अगर दोनों टीमों को अलग-अलग पूल में रखा जाता है, तो भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला होगा ही. इसलिए उन्हें एक ही पूल में रखा जाता है. सरहद के दोनों पार क्रिकेट फैंस को इस मुकाबले से बेसब्री से इंतजार रहता है. इसी वजह से बीते कुछ सालों से आईसीसी टूर्नामेंट के ग्रुप स्टेज में भारत-पाकिस्तान का मुकाबला हो रहा है.
भारत-पाक मैच को मिलती है रिकॉर्ड व्यूअरशिप
ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया यानी BARC के मुताबिक, 2021 T20 विश्व कप में भारत-पाकिस्तान मैच को टेलीविजन पर अकेले 167 मिलियन दर्शकों ने देखा था. आईसीसी के मुताबिक, 2019 वनडे विश्व कप में भारत-पाकिस्तान के मुकाबले को दुनिया भर में 273 मिलियन और अकेले डिजिटिल प्लेटफॉर्म पर 50 मिलियन दर्शकों ने देखा था.
भारत-पाकिस्तान के बीच करीब 1 दशक से द्विपक्षीय सीरीज नहीं हुई है. इसकी सीधी सी वजह है दोनों देशों के तल्ख रिश्ते. टीम इंडिया को अगर पाकिस्तान से द्विपक्षीय सीरीज खेलनी है तो उसके लिए बीसीसीआई को सरकार की मंजूरी की जरूरत है. लेकिन सरकार का इस पर रुख साफ है. जब तक पाकिस्तान भारत की धरती पर आतंक फैलाना नहीं बंद करता.
तब तक दोनों देशों के बीच क्रिकेट की बहाली मुमकिन नहीं है. इसी वजह से 2008 के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ आईपीएल में भी नहीं खेल पाए हैं. आईसीसी इवेंट में दोनों देशों को खेलने देने की मंजूरी देना सरकारों की मजबूरी है. क्योंकि ऐसा नहीं होने पर दोनों देशों की क्रिकेट टीमों पर खेल में राजनीतिक प्रभाव लाने के लिए प्रतिबंध लग सकता है.
दोनों बोर्ड पर द्विपक्षीय सीरीज नहीं होने का क्या असर हुआ ?
बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है. ऐसे में भारत अगर पाकिस्तान से नहीं भी खेलता है तो उसका भारतीय क्रिकेट बोर्ड की माली हालत पर खास असर नहीं पड़ता है. क्योंकि टीम इंडिया दूसरे मुल्कों के साथ द्विपक्षीय सीरीज खेल रही है और इससे भी बोर्ड की अच्छी खासी आमदनी होती है. वहीं,
आईपीएल भी तिजोरी भरने का काम रहा है. लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इतना खुशकिस्मत नहीं है. क्योंकि लंबे वक्त से आतंकवाद के कारण पीसीबी को अपनी घरेलू सीरीज भी दूसरे देशों में खेलनी पड़ी है. हालांकि, देश में धीरे-धीरे इंटरनेशनल क्रिकेट लौट रहा है. लेकिन कोई भी अन्य घरेलू सीरीज आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से उतना महत्व नहीं रखती, जितना अगर पाकिस्तान भारत से खेले तो उसका असर होगा.
यही कारण है पीसीबी अलग-अलग मंच पर इस मामले को उठाने की कोशिश कर रहा है. ताकि किसी तरह को द्विपक्षीय सीरीज खेलने पर मजबूर किया जा सके. लेकिन अब तक उसे कामयाबी नहीं मिली है.