success story in hindi: पिता बनाते थे अचार, लंदन से पढ़ाई कर आई बेटी ने बिजनेस में बंटाया हाथ, 3 साल में कमाए 1 करोड़ रुपये
शुरुआत अगर अच्छी और प्लानिंग के साथ हो तो सफलता प्राप्त करने में देर नहीं लगती। दिल्ली में पली बढ़ी और लंदन से मार्केटिंग की डिग्री हासिल करने वाली निहारिका भार्गव ने यह सोचा नहीं था कि वह पापा के पैशन को प्रोफेशन में बदलकर अपना बिजनेस शुरू करेंगी। दरअसल, उनके पिता को अचार बनाने का शौक था, वे अचार तैयार करके रिश्तेदारों को उपहार के रूप में देते थे।
उनके बनाए अचार की काफी मांग रहती थी। मार्केटिंग की पढ़ाई और कुछ सालों के जॉब एक्सपीरियंस के बाद निहारिका को एहसास हुआ कि वह अपना बिजनेस शुरू कर सकती हैं और नाम कमा सकती हैं।
TWO News
success story in hindi: पिता बनाते थे अचार, लंदन से पढ़ाई कर आई बेटी ने बिजनेस में बंटाया हाथ, 3 साल में कमाए 1 करोड़ रुपये
निहारिका भार्गव ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया है और 2015 में लंदन से मार्केटिंग स्ट्रेटेजी एंड इनोवेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। उसके बाद वह भारत वापस आ गई और गुड़गांव में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने लगीं। चूकिं, कंपनी अच्छी थी तो उन्हें हर तरह की सुविधा और सैलरी भी अच्छी मिलती थी। लेकिन कहते हैं न जब लक्ष्य कुछ और हो, तो सुविधा मायने नहीं रखती। निहारिका ने एक साल बाद ही जॉब छोड़ दी और अचार के बिजनेस में आ गईं।
success story in hindi: पिता बनाते थे अचार, लंदन से पढ़ाई कर आई बेटी ने बिजनेस में बंटाया हाथ, 3 साल में कमाए 1 करोड़ रुपये
बिजनेस में आने से पहले निहारिका भार्गव ने काफी समय अचार के मार्केट को समझने में लगाया और उस पर रिसर्च किया। कई लोगों से बात की तो पता चला कि शुद्ध और घर पर तैयार किए हुए अचार की मांग काफी ज्यादा है। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें बाजार का अचार पसंद नहीं है, वे मजबूरी में खरीदते हैं। लोग अच्छे, स्वादिष्ट और शुद्ध अचार खरीदना चाहते हैं।
निहारिका ने लोगों की इस जरूरत को समझते हुए अपने पिता के अचार बनाने के स्किल को न केवल सीखा, बल्कि उसे बिजनेस का रूप भी दिया। हालांकि, यह बिजनेस चलेगा या नहीं शुरूआत में उन्हें संदेह था, क्योंकि अचार तो लगभग सभी घरों में तैयार होता है। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वह लगातार काम करती रहीं। शुरुआत में दिल्ली और उसके आसपास जो एक्जिबिशन लगते थे, वहां वह अपने अचार का स्टॉल लगाती थी। लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला। इसके बाद लोकल मार्केट में भी उन्होंने अचार देना शुरू कर दिया।
success story in hindi: पिता बनाते थे अचार, लंदन से पढ़ाई कर आई बेटी ने बिजनेस में बंटाया हाथ, 3 साल में कमाए 1 करोड़ रुपये
2017 में उन्होंने The Little Farm Co. नाम से गुड़गांव में एक कंपनी खोली और अपने प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन बेचना भी शुरू कर दिया। ऐसे ही काम करते- करते तीन साल बाद उनकी कंपनी का टर्नओवर एक करोड़ पहुंचा गया। उनकी कंपनी इस समय 50 से ज्यादा वैरायटी के अचार बेचती है। इनमें सबसे ज्यादा आम और गुड़ के अचार की डिमांड होती है। इसके साथ ही उनकी कंपनी हल्दी, कच्ची घानी का तेल, जैम, साबुत मिर्च पाउडर जैसी चीजें भी बेचती है।
success story in hindi: पिता बनाते थे अचार, लंदन से पढ़ाई कर आई बेटी ने बिजनेस में बंटाया हाथ, 3 साल में कमाए 1 करोड़ रुपये
बिजनेस शुरू करना उतना मुश्किल काम नहीं है, जितना उसे बरकरार रखना। यह बात निहारिका भी अच्छी तरह से समझती हैं। उन्हें अपने प्रोडक्ट को बाकियों से अलग रखना था, ताकि ग्राहक का भरोसा उनपर बरकरार रहे। निहारिका उस तरह के प्रोडक्ट के खिलाफ हैं, जिसमें एडिटिव और प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल किया जाता है।
बता दें कि उनके अचार में लगने वाले सभी इंग्रेडिएंट्स ऑर्गेनिक तरीके से उगाए जाते हैं। मध्यप्रदेश के खजुराहो में उनके पिता द्वारा ली गई 50 एकड़ का फार्म है, जहां हर साल 30 टन से ज्यादा का प्रोडक्शन हो रहा है। उनके फार्म पर आम, आंवला, नींबू, हल्दी, अदरक, मिर्च सहित कई पौधे उगाए जाते हैं, जिनका अचार बनाने में उपयोग होता है। इसके अलावा यहां फलों और सब्जियों का भी उत्पादान होता है।
निहारिका के साथ काम करने वाले लोगों में ज्यादातर महिलाएं हैं। वर्तमान में फार्म में 15 महिलाएं और तीन पुरुष हैं। उन्होंने गैर सरकारी संगठनों (NGO) के साथ साझेदारी भी की है, जो महिलाओं को सशक्त बनाने, व्यंजनों को विकसित करने और उत्पाद करने की दिशा में काम करती है। वर्तमान में The Little Farm Co. के पास लगभग 400 एकड़ हरे-भरे खेत हैं,
success story in hindi: पिता बनाते थे अचार, लंदन से पढ़ाई कर आई बेटी ने बिजनेस में बंटाया हाथ, 3 साल में कमाए 1 करोड़ रुपये
जो प्रदूषणरहित नदियों द्वारा पोषित हैं। कुछ जमीन सबसे अधिक प्रदूषण मुक्त क्षेत्रों में से हैं, जो सरकार के स्वामित्व वाली वन भूमि की सीमा से लगे हैं। उनके इस क्षेत्र में कोई औद्योगिक गतिविधि नहीं होती और जैविक खेती पद्धतियों का उपयोग करके फलों, सब्जियों और मसाले उगाए जाते हैं। इसके अलावा कंपनी तरह-तरह के शरबत बनाती है और हेल्दी स्नैक्स जैसे पमकिन सीड्स भी तैयार करती है।
- Niharika Bhargav
- Niharika Bhargav Succes Story in hindi
- Niharika Bhargav Succes Story hindi