tejas fighter jet: भारत का पूर्ण स्वदेशी विमान
tejas fighter jet: कभी देश की शान रहा मिग-21 विमान अब बहुत पुराने हो चुके हैं. इनकी वजह से एयरफोर्स के करीब 43 जवान शहीद हो चुके हैं. इसलिए इन्हें फ्लाइंग कॉफिन भी कहते हैं.tejas fighter jet
देश में पिछले 45 साल में करीब 465 मिग विमान गिर चुके हैं. वो भी दुश्मन से बिना लड़े. जंग के मैदान में तो सिर्फ 11 मिग विमान गिरे हैं. नए विमान की जरूरत देश को पड़ेगी, इसकी तैयारी 1980 में ही शुरू कर दी गई थी. करीब, दो दशकों की तैयारी और विकास के बाद 4 जनवरी 2001 को तेजस ने अपनी पहली उड़ान भरी थी. tejas fighter jet
तेजस विमान पाकिस्तान और चीन के संयुक्त उत्पादन थंडरबर्ड से कई गुना ज्यादा दमदार है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब तेजस की प्रदर्शनी की बात की गई थी, तब पाकिस्तान और चीन ने थंडरबर्ड को प्रदर्शनी से हटा लिया था. ये बात है बहरीन इंटरनेशनल एयर शो की. तेजस चौथी पीढ़ी का विमान है, जबकि थंडरबर्ड मिग-21 को सुधारकर बनाया जा रहा है.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाए गए इस विमान का आधिकारिक नाम ‘तेजस’ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने दिया था. यह संस्कृत का शब्द है. जिसका अर्थ होता है अत्यधिक ताकतवर ऊर्जा. HAL ने इस विमान को लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) यानी हल्का युद्धक विमान प्रोजेक्ट के तहत बनाया है. tejas fighter jet
तेजस विमान के बारे में कहा जाता है की,,
tejas fighter jet
तेजस हवा से हवा में हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है.
इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं.
तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है.
तेजस सिंगल सीटर पायलट वाला विमान है, लेकिन इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है.
यह अब तक करीब 3500 बार उड़ान भर चुका है.
तेजस एक बार में 54 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.
LCA तेजस को विकसित करने की कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपए रही है.
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एयरफोर्स के पास 33 स्क्वॉड्रन हैं. एक स्क्वॉड्रन में 16-18 फाइटर होते हैं.
इन 33 में से 11 स्क्वॉड्रन्स में MiG-21 और MiG-27 फाइटर हैं.
इनमें से भी सिर्फ 60% ही ऑपरेशन के लिए तैयार हैं.
मिग-21 और मिग-27 की हालत अच्छी नहीं है. हादसे होते रहे हैं.
एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन-पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारत को 45 स्क्वॉड्रन चाहिए.
तेजस 34th स्क्वॉड्रन है. फ्रांस से राफेल मिलने पर वह 35th स्क्वॉड्रन होगी.
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2222 किमी प्रति घंटा की गति से उड़ान भरने में सक्षम.
3000 किमी की दूरी तक एक बार में भर सकता है उड़ान.
43.4 फीट लंबा और 14.9 फीट ऊंचा है तेजस फाइटर.
13,500 किलो वजन होता है सभी हथियारों के साथ.
6 तरह की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइले हो सकती हैं तैनात. ये हैं- डर्बी, पाइथन-5, आर-73, अस्त्र, असराम, मेटियोर. 2 तरह की हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें यानी ब्रह्मोस-एनजी और डीआरडीओ एंटी-रेडिएशन मिसाइल और ब्रह्मोस-एनजी एंटी शिप मिसाइल. इसके अलावा इसपर लेजर गाइडेड बम, ग्लाइड बम और क्लस्टर वेपन लगाए जा सकते हैं.
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