By | May 9, 2021
China Rocket Crash

China Rocket Crash: चीन के बेकाकू रॉकेट को लेकर ताजा खबर यह है कि इसके टुकड़े हिंद महासागर में गिर गए हैं। वहीं एक बड़ा हिस्सा वायुमंडल में प्रवेश करने के दौरान ही खत्म हो गया। इस तरह दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने राहत की सांस ली है। बता दें, चीनी रॉकेट का एक बड़ा हिस्सा अनियंत्रित होकर पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगा रहा था। आशंका जताई जा रही थी कि चीनी रॉकेट का यह हिस्सा 9 मई को धरती पर गिर सकता है। कब औ कहां गिरेगा इसका शुरू में पता नहीं था।

China Rocket Crash

नासा समेत दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां नजर रखे हुए थे। लॉन्ग मार्च 5b रॉकेट के कोर स्टेज का वजन 21 टन था। पिछले हफ्ते चीन ने अपना स्पेस स्टेशन बनाने के लिए पहला मॉड्यूल लॉन्च किया था। बाद में रॉकेट का यह हिस्सा अनियंत्रित हो गया और अब धरती में वापस गिर रहा है। अगर रॉकेट का यह हिस्सा किसी आबादी वाले क्षेत्र में गिरता, तो बड़ी तबाही मचा सकता था। हालांकि चीन का कहना है कि यह रॉकेट वायुमंडल में प्रवेश करते ही ध्वस्त हो जाएगा।

कोर स्टेज के पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश होने पर क्या होगा?

 

रॉकेट के कोर स्टेज की लंबाई 100 फीट और चौड़ाई 16 फीट है। इससे पहले वैज्ञानिकों ने कहा था कि जब यह ऑर्बिट से निकलकर पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करेगा तो इसके जलने की संभावना है। इसके बावजूद कोर स्टेज के बड़े हिस्से मलबे के रूप में धरती पर गिर सकते थे। हमारे ग्रह का बड़ा हिस्सा समुद्र से घिरा हुआ है, ऐसे में रॉकेट के हिस्सों के वहीं पर गिरने की संभावना है। फिर भी ये आस-पास के इलाके के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

कहां गिर सकता है रॉकेट का कोर स्टेज

 

 

यूरोपियन स्पेस एजेंसी के स्पेस सेफ्टी प्रोग्राम के प्रमुख होल्गर क्रैग ने कहा था, “ऑब्जेक्ट के डिजाइन को जाने बिना किसी भी चीज के टुकड़ों की संख्या का पता लगाना मुश्किल है। लेकिन किसी भी वस्तु के 20 से 40 फीसदी टुकड़े हमेशा बच जाते हैं। पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगा रहे रॉकेट बॉडी का रास्ता न्यूयॉर्क, मैड्रिड और बीजिंग से थोड़ा सा उत्तर में है। इसके अलावा ये दक्षिणी चिली और न्यूजीलैंड के वेलिंगटन के दक्षिण में है। रॉकेट का यह हिस्सा इन क्षेत्रों में गिर सकता है।” गौरतलब है कि 1990 के बाद से 10 टन से ज्यादा किसी भी वस्तु को फिर से पृथ्वी में दाखिल होने के लिए ऑर्बिट में नहीं छोड़ा जाता है।

चीन के बेकाबू रॉकेट ने पृथ्वी के वातावरण में की एंट्री, हिंद महासागर में बिखरा मलबा

चीन (China) का बेकाबू रॉकेट रविवार को पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने के बाद जलने लगा और इसका मलबा हिंद महासागर (Indian Ocean) में बिखर गया.

 

चीन (China) का सबसे बड़ा रॉकेट लॉन्ग मार्च 5b रॉकेट (Long March 5b rocket) रविवार सुबह पृथ्वी के वातावरण (Earth’s Atmosphere) में प्रवेश कर गया. वहीं, वातावरण में प्रवेश करने के बाद ये जलने लगा और इसका मलबा हिंद महासागर (Indian Ocean) में बिखर गया. चीन के सरकारी मीडिया ‘चाइना सेंट्रल टेलीविजन’ (CCTV) ने रविवार को ‘चाइना मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग ऑफिस’ के हवाले से इसकी रिपोर्ट दी. लॉन्ग मार्च 5b रॉकेट ने पिछले सप्ताह चीन के स्पेस स्टेशन ‘Heavenly Palace’ के लिए पहले मॉड्यूल को लेकर उड़ान भरी थी.

अमेरिकी मिलिट्री डाटा का प्रयोग करने वाली स्पेस मॉनिटरिंग एजेंसी ‘स्पेस ट्रैक’ ने भी इस बात की पुष्टि की कि रॉकेट क्रैश हो चुका है. ‘स्पेस ट्रैक’ ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, ‘लॉन्ग मार्च 5b के पृथ्वी में प्रवेश करने पर नजर बनाने वाले लोग अब आराम कर सकते हैं. रॉकेट गिर चुका है. आप लोग सभी जरूरी जानकारी को ट्विटर/फेसबुक पर देख सकते हैं.’ इस बात को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं जताई जा रही थीं कि 18 टन वजनी चीनी रॉकेट कहां गिरेगा. रॉकेट के गिरने की वजह से लोगों के बीच चिंता की लहर थी. हालांकि, अब चीन के सरकारी मीडिया ने रॉकेट के मलबे को लेकर जानकारी दे दी है और कहा कि वातावरण में प्रवेश करने के दौरान इसका बड़ा हिस्सा खुद नष्ट हो गया.

खतरा टला: चीन के बेकाबू रॉकेट ने पृथ्वी के वातावरण में की एंट्री, हिंद महासागर में बिखरा मलबा

चीन (China) का बेकाबू रॉकेट रविवार को पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने के बाद जलने लगा और इसका मलबा हिंद महासागर (Indian Ocean) में बिखर गया.

अंतरिक्ष के लिए लॉन्च होता चीन का रॉकेट

चीन (China) का सबसे बड़ा रॉकेट लॉन्ग मार्च 5b रॉकेट (Long March 5b rocket) रविवार सुबह पृथ्वी के वातावरण (Earth’s Atmosphere) में प्रवेश कर गया. वहीं, वातावरण में प्रवेश करने के बाद ये जलने लगा और इसका मलबा हिंद महासागर (Indian Ocean) में बिखर गया. चीन के सरकारी मीडिया ‘चाइना सेंट्रल टेलीविजन’ (CCTV) ने रविवार को ‘चाइना मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग ऑफिस’ के हवाले से इसकी रिपोर्ट दी. लॉन्ग मार्च 5b रॉकेट ने पिछले सप्ताह चीन के स्पेस स्टेशन ‘Heavenly Palace’ के लिए पहले मॉड्यूल को लेकर उड़ान भरी थी.

अमेरिकी मिलिट्री डाटा का प्रयोग करने वाली स्पेस मॉनिटरिंग एजेंसी ‘स्पेस ट्रैक’ ने भी इस बात की पुष्टि की कि रॉकेट क्रैश हो चुका है. ‘स्पेस ट्रैक’ ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, ‘लॉन्ग मार्च 5b के पृथ्वी में प्रवेश करने पर नजर बनाने वाले लोग अब आराम कर सकते हैं. रॉकेट गिर चुका है. आप लोग सभी जरूरी जानकारी को ट्विटर/फेसबुक पर देख सकते हैं.’ इस बात को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं जताई जा रही थीं कि 18 टन वजनी चीनी रॉकेट कहां गिरेगा. रॉकेट के गिरने की वजह से लोगों के बीच चिंता की लहर थी. हालांकि, अब चीन के सरकारी मीडिया ने रॉकेट के मलबे को लेकर जानकारी दे दी है और कहा कि वातावरण में प्रवेश करने के दौरान इसका बड़ा हिस्सा खुद नष्ट हो गया.

 

मालदीव के करीब गिरा रॉकेट का मलबा

‘चाइना मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग ऑफिस’ ने रविवार को कहा कि बीजिंग के समय के मुताबिक सुबह 10.24 बजे रॉकेट पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश किया. इसका मलबा 72.47 डिग्री पूर्वी देशांतर और 2.65 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर एक खुले समुद्र क्षेत्र में गिर गया. हिंद महासागर के जिस इलाके में रॉकेट का मलबा गिरा है, वो मालदीव के खासा करीब है. एजेंसी ने कहा कि वातावरण में प्रवेश करने के दौरान अधिकतर हिस्सा जलकर राख हो गया. इस तरह रॉकेट के क्रैश होने को लेकर चिंतित दुनियाभर की सरकारों और लोगों ने राहत की सांस ली है. ये रॉकेट चीन के दक्षिणी हैनान प्रांत से 29 अप्रैल को लॉन्च किया गया था.

स्पेस प्रोग्राम को लेकर दुनियाभर में होती है चीन की आलोचना

चीन के स्पेस प्रोग्राम को लेकर उसकी दुनियाभर में आलोचना की जाती रही है. अमेरिका समेत दुनियाभर के देशों की स्पेस एजेंसियों का कहना है कि पृथ्वी पर गिरने के लिए इतने बड़े आकार के अनियंत्रित रॉकेट को छोड़ना घातक हो सकता है. इससे पहले भी चीन का एक रॉकेट इसी तरह बेकाबू होकर धरती के वातावरण में प्रवेश किया था, उस दौरान अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट में कई इमारतों को इसके मलबे से नुकसान पहुंचा था. दुनियाभर की स्पेस एजेंसियों की इस रॉकेट के रास्ते पर नजर टिकी हुई थी. हालांकि, अब इसके क्रैश होने के बाद सब लोग चैन की सांस ले सकते हैं.

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