By | May 10, 2021
IAS Sanjita Mohpatra Success Story

IAS Sanjita Mohpatra Success Story: ओडिशा की संजीता माहापात्रा का UPSC का सफर लोगों के लिये उदाहरण है. उनके इस सफर से पता चलता है कि व्यक्ति को तब तक हार नहीं माननी चाहिए जब तक वह अपनी मंजिल हासिल ना कर ले.

IAS Sanjita Mohpatra Success Story

बचपन का सपना था आईएएस बनना
संजीता का जन्म राउरकेला में हुआ और यहीं से उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा प्राप्त की. उसके बाद उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक करने का फैसला किया. संजीता शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी थीं. बीटेक पूरा करने के बाद उनकी सरकारी नौकरी लग गई. इस जॉब में उनकी सैलेरी भी काफी अच्छी थी. कुछ वक्त नौकरी करने के बाद उन्होंने अपने बचपन के सपने को पूरा करने का फैसला किया. दरअसल संजीता हमेशा से आईएएस बनना चाहती थीं. उन्होंने इसके लिये कई बार प्रयास किए. लेकिन गंभीर प्रयास उन्होंने दो ही बार किया और दूसरी बार में वह सेलेक्ट हो गईं.

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तैयारी के लिये छोड़ दी सरकारी नौकरी
संजीता बताती हैं कि उन्होंने तीन प्रयास उस वक्त किये थे जब उन्होंने अपना कॉलेज खत्म किया था. लेकिन उस वक्त उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया था. इसके पीछे वजह थी उनकी तैयारी में कमी रहना. क्योंकि उस टाइम वह परीक्षा के बारे में अधिक नहीं जानती थी कि इसकी तैयारी कैसे की जाती है. उनका तीनों ही अटेम्पट्स में प्री भी क्लियर नहीं हुआ था.

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उसके बाद वह नौकरी करने लग गईं. उसके बाद वे परीक्षा के पैटर्न और पढ़ाई में लग गईं. हालांकि उन्होंने अटेम्पट्स नहीं दिए. एक वक्त के बाद उन्हें अहसास हुआ कि नौकरी के साथ तैयारी नहीं की जा सकती है. इसलिये उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया. तभी उनकी शादी भी हो गई. इसके बाद वह पूरी तरह से तैयारी में लग गईं.

पांचवें अटेम्पट में मिली सफलता
इतनी तैयारी करने के बाद भी चौथे प्रयास में भी उनका सेलेक्शन नहीं हुआ. हालांकि इस साल उन्होंने पहली बार मेन्स लिखने तक का सफर तर किया. इसके बाद आखिरकार साल 2019 में उनका पांचवां अटेम्पट सफल रहा और उनकी रैंक दस आई. संजीता ने अपनी मुख्य और बेसिक तैयारी एनसीईआरटी किताबों से पूरी की.

 

इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से होने के बाद भी संजीता ने अपना ऑप्शनल सोशियोलॉजी चुना. साल 2018 और 2019 के अटेम्पट में उन्होंने कुछ वक्त दिल्ली में रहकर टेस्ट सीरीज ज्वॉइन करके तैयारियां की थी.

संजीता की सलाह 
संजीता कहती हैं कि खुद को हमेशा मोटिवेट करते रहें, क्योंकि इसकी जर्नी काफी लंबी होती है. यह देश की सबसे कठिन परीक्षा है तो सफलता भी आसानी से या बिना मुश्किलों के नहीं मिल सकती है. हिम्मत न हारें. आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करते रहें.

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