बिजली के तार पर बैठे पक्षियों को करंट क्यों नहीं लगता और चमगादड़ों को क्यों लग जाता है झटका? बीएनएम यूनिवर्सिटी, बिहार से रिटायर्ड फिजिक्स के प्रोफेसर सरयुग गुप्ता बताते हैं कि बिजली के प्रवाह (Electricity Current Flow and its effects) के नियम को समझना होगा |
Why birds are not feel Electricity Current: अक्सर हमलोग बिजली के तारों पर पक्षियों को बैठा देखते हैं तो मन में यह सवाल जरूर आता है… आखिर इन्हें करंट क्यों नहीं लगता. बिजली के तार 440 वोल्ट के हों, 11,000 वोल्ट के हों या फिर 33,000 वोल्ट के… पक्षी आराम से इन पर बैठकर मजा ले रहे होते हैं. जान तक ले लेनेवाली बिजली के तारों पर इन पंछियों को करंट लगता ही नहीं है.
अच्छा! आप ये तो जानते ही हैं कि आप कोई भी बिजली वाला उपकरण इस्तेमाल करते हैं तो इनमें कम से कम दो तार लगे होते हैं. कुछ में तीसरा एक अर्थिंग का तार भी लगा होता है. खैर, 2 मुख्य तारों को गरम और ठंडा या माइनस-प्लस के तौर पर भी हम जानते हैं. इन दोनों तारों के जरिये ही कोई बल्ब जलता है, पंखा चलता है या अन्य कोई उपकरण चलता है. यानी केवल गरम या केवल ठंडा तार इन उपकरणों को नहीं चला पाता. यह तो हुई सामान्य ज्ञान की बात… अब आगे बढ़ते हैं.
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बिजली का बुनियादी सिद्धांत
बिजली के दो बुनियादी सिद्धांतों के बारे में भी हममें से कुछ लोग जानते होंगे. दरअसल, इलेक्ट्रॉन तभी आगे बढ़ते हैं, जब सर्किट पूरा होता है. यानी सर्किट पूरा हुए बिना करंट नहीं दौड़ता है. यह सर्किट पूरा नहीं होगा तो करंट नहीं लगेगा. यानी केवल एक तार के बूते बल्ब नहीं जलेगा, पंखा नहीं चलेगा, टीवी ऑन नहीं होगा. लेकिन दूसरा तार जुड़ते ही सबकुछ काम करने लगेगा.
पक्षियों को करंट क्यों नहीं लगता?
जब भी पक्षी बिजली के तार पर बैठते हैं तो उन्हें करंट नहीं लगने के पीछे का सामान्य कारण है. कारण यह कि पक्षी केवल एक ही तार के ऊपर बैठते हैं.. वे अपने दोनों पांव एक ही तार पर जमाए रखते हैं. दूसरे तार से संपर्क नहीं होने की वजह से सर्किट पूरा नहीं हो पाता है और इसलिए पक्षियों को करंट नहीं लगता है.
चालक के भीतर इलेक्ट्रॉन का प्रवाह
बीएनएम यूनिवर्सिटी, बिहार से रिटायर्ड फिजिक्स के प्रोफेसर सरयुग गुप्ता बताते हैं कि बिजली के प्रवाह (Electricity Current and its effects) के नियम को समझना होगा. दरअसल बिजली के चालक के भीतर इलेक्ट्रॉन्स एक जगह से दूसरी जगह पर गति करते हैं. जब भी ये इलेक्ट्रोन्स एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं तो इससे बिजली का प्रवाह होता है. पक्षी के शरीर की कोशिकाएं और ऊतक अवरोध पैदा करती है. इसलिए भी उन्हें करंट नहीं लगता.
बिजली मिस्त्री भी ऐसे करते हैं काम
कुछ बिजली मिस्त्रियों को भी आपने देखा होगा कि जमीन को टच किए बिना वे नंगे हाथों से बिजली का कनेक्शन कर डालते हैं. यानी खुद को अर्थिंग से अलग रखते हुए बिजली का एक तार छूने से करंट नहीं लगता. कई बार मिस्त्री काठ के टेबल या कुर्सी पर चढ़कर नंगे हाथों से ही बिजली के तार जोड़ देते हैं.
यानी सर्किट पूरा नहीं होने के कारण उनके शरीर से होकर करंट नहीं बह पाता. लेकिन गलती तब होती है, जब जमीन पर खड़े होकर हम गलती से बिजली के तार छू लेते हैं या संपर्क में आ जाते हैं. हालांकि बिजली मिस्त्री की तरह प्रयोग करना खतरनाक है और आप घर में कभी ऐसा भूलकर भी ट्राय न करें.
चमगादड़ को क्यों लग जाता है करंट?
चमगादड़ों (Bats) का भी बिजली के तारों पर लटकना आम बात है. बिजली के झटके से गिरकर मरे चमगादड़ पर भी आपकी नजर पड़ी होगी तो ये ख्याल आया होगा कि पक्षियों के साथ वाला सिद्धांत यहां क्यों नहीं काम आया और चमगादड़ को करंट (Bats feel Current of Electricity) क्यों लग गया. इसके पीछे का भी वही सिद्धांत है, लेकिन दिक्कत उनकी पोजीशन को लेकर है. चमगादड़ों को भी तबतक करंट नहीं लगेगा, जबतक वे सर्किट पूरा न कर लें.
दरअसल, चमगादड़ उल्टे लटकते हैं और उनके दो बड़े पंख होते हैं. कई बार गलती से उनके पंख दूसरे तार के संपर्क में आ जाते हैं और ऐसे में सर्किट पूरा हो जाने के कारण उन्हें करंट लग जाता है. बिजली के खंभों के बीच गरम तार के साथ एक ठंडा तार भी गुजरता है.
चमगादड़ तारों पर पक्षियों की तरह सीधे तो बैठ नहीं पाते, ऐसे में अगर वे गरम तार पर बैठे हों और उल्टे लटके होने के दौरान गलती से भी उनका कोई पंख ठंडे तार से सट जाए तो उन्हें जोर का झटका लगता है और उनकी मौत हो जाती है. ऐसा अगर पक्षियों के साथ भी हो तो उन्हें भी करंट लग सकता है.
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