IAS Success Story Of IAS Topper Ekta Singh: आज आपको यूपीएससी परीक्षा को पहले प्रयास में पास करने वाली एकता सिंह की कहानी बताएंगे, जो अन्य लोगों के लिए काफी प्रेरणादायक हैं. एकता ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी परीक्षा की सटीक रणनीति बनाई और तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने काफी तैयारी के बाद पहली बार 2016 में यूपीएससी की परीक्षा में हिस्सा लिया और पहले ही प्रयास में उन्हें सफलता मिल गई. उन्हें इस परीक्षा में 101 रैंक मिली. वैसे तो एकता पढ़ाई में हमेशा से होशियार थी और उन्होंने इंटरमीडिएट के बाद जेईई का एग्जाम पास करने के बाद आईआईटी बीएचयू से अपनी ग्रेजुएशन की.
इंटरमीडिएट के बाद जेईई की परीक्षा पास की
इंटरमीडिएट में एकता ने काफी अच्छे अंक हासिल किए. इसके बाद उन्होंने जेईई की परीक्षा दी और अच्छी रैंक से पास कर ली. उन्होंने आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. उनका सपना हमेशा से आईएएस अफसर बनने का था. इसलिए 2015 में अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद उन्होंने आईएएस की तैयारी शुरू कर दी. अच्छी रणनीति बनाकर उन्होंने तैयारी की और पहले ही प्रयास में सफलता भी प्राप्त कर ली. इस दौरान उन्होंने कोचिंग की सहायता ली.
कोचिंग को मानती हैं जरूरी
यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले कई कैंडिडेट को कोचिंग जरूरी नहीं लगती, लेकिन एकता का मानना है कि कोचिंग यूपीएससी में सफलता प्राप्त में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. वह कहते हैं अगर आप कोचिंग नहीं कर सकते तो कोचिंग के नोट्स आपको बाजार में मिल जाएंगे. आप उन नोट्स को पढ़ कर अपनी तैयारी कर सकते हैं. एकता का मानना है कि अगर आप यूपीएससी में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको सही मार्गदर्शन मिलना चाहिए. जब आप सही दिशा में मेहनत करेंगे तो आपको सफलता मिलेगी. उनका मानना है कि आप तैयारी के लिए इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं. इंटरनेट पर यूपीएससी का काफी मटेरियल मौजूद है जो अच्छा है.
अन्य कैंडिडेट्स को एकता की सलाह
यूपीएससी की तैयारी करने वाले लोगों को एकता सिंह धैर्य से मेहनत करने की सलाह देती हैं. वे कहते हैं कि आप तैयारी के दौरान तनाव न लें वरना इसका तैयारी पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. जहां भी जरूरत पड़े आपको अपने सीनियर्स की मदद लेनी चाहिए. अगर आप कोचिंग के लिए सक्षम है तो आपको कोचिंग जरूर करनी चाहिए. वे कहती हैं कि अगर आप सही दिशा में मेहनत करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी. साथ ही केंद्रीय को असफलता से निराश नहीं होना चाहिए और अपनी कमियों को ढूंढकर उन्हें सुधारना चाहिए.