![International Womens day](https://i0.wp.com/twokog.com/wp-content/uploads/2021/03/pexels-arun-gulla-3666766-1.jpg?fit=782%2C549&ssl=1)
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s day) के इतिहास से भारत संबंध नहीं दिखता, लेकिन भारतीय इतिहास का राष्ट्रीय महिला दिवस (National Women’s day) से गहरा नाता है जिसकी जड़ें भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी है.
8 मार्च (8 March) को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens day) मनाया जाता है. भारत (India) में भी दुनिया के तमाम देशों में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर बहुत से कार्यक्रम आयोजन किए जाते हैं. यह दिन महिलाओं (Women) को बधाई देने, उन्हें सम्मानित करने के एक मौके के तौर पर देखा जाता है. महिलाएं भी आपस में एक दूसरे को बधाई देती हैं. लेकिन कम लोग जानते हैं कि भारत में राष्ट्रीय महिला (National Womens day) दिवस 8 मार्च को नहीं मनाया जाता है. इस दिन का संबंध हमारे देश की महिला शक्ति से है, देश के स्वतंत्रता संग्राम से है.
क्या अमोरिका में हुई इसकी शुरुआत
इतिहास को देखने पर पता चलता है कि सबसे पहले महिलाओं के हक के लिए साल 1908 में 8 मार्च को न्यूयॉर्क में एक रैली निकाली गई थी. इस रैली में काम के लिए बेहतर वेतन, कम घंटे और वोट देने का अधिकार को लेकर बहुत सारी महिलाओं ने हिस्सा लिया. इसके एकसाल बाद इसी घटना की सालगिरह के तौर पर 1909 में अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने पहली बार राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया था.
अमेरिका से यूरोप तक
साल 2010 में केपनहेगेन (डेनमार्क) में हुए महिलाओं के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में 08 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस तय करने का प्रस्ताव रखा. फिर 1911 यूरोप में पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. इसके बाद धीरे धीरे इसे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मान्यता मिलने लगी.
रूस की भूमिका
कहा जाता है कि 1917 तक महिला दिवस तो 8 मार्च को कई जगह मनाया जाने लगा था, लेकिन इसकी कोई स्पष्ता नहीं. 1917 में रूस में महिलोओं ने शांति और रोटी की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद महिलाओं को वोट देने का अधिकार भी मिला. इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की तारीख जूलियन कैलेंडर के मुताबिक 23 फरवरी थी, लेकिन ग्रिगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च का निकला जिससे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप 8 मार्च को और महत्व मिलने लगा.
संयुक्त राष्ट्र ने कब से की शुरुआत
दुनिया में महिला दिवस को आधिकारिक तौर पर मनाने की शुरुआत 1975 में तब हुई जब संयुक्त राष्ट्र ने इस आयोजन को मनाना शुरू किया. संयुक्त राष्ट्र ने 1996 में पहली बार इसके आयोजन में एक थीम को अपनाया, वह थीम थी – ‘अतीत का जश्न मनाओ, भविष्य की योजना बनाओ.’ आज यह दिवस एक अंतरराष्ट्रीय दिवस की तरह हर देश में मनाया जाता है.
भारत में कब होता है राष्ट्रीय महिला दिवस
इस तरह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर भारतीय इतिहास में कोई खास घटना देखने को नहीं मिलती है. लेकिन फिर भी भारत का अपना राष्ट्रीय महिला दिवस है. भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस स्वतंत्रता सेनानी और भारत कोकिला कही जाने वाली सरोजिनी नायडू के जन्मदिन 13 फरवरी को मनाया जाता है.
सरोजनी नायडू बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि की संपन्न रहने वाली कवियित्री थीं. उन्हें महात्मा गांधी ने भारत कोकिला का खिताब दिया था. आजादी की लड़ाई में उन्होंने पुरुष स्वतंत्रता सेनानियों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर गांधी जी के आंदोलनों में भाग लिया और हर जगह अपने नेतृत्व का प्रभाव छोड़ा था. वे हमेशा ही महिलाओं को आगे आने के लिए प्रेरित करती रहती थीं. वे आज के भारत की हर नारी के लिए आदर्श उदाहरण के रूप में याद की जाती हैं.