By | March 24, 2021

सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परमबीर सिंह बॉम्बे हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर करें। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर जो आरोप लगाए हैं, वो बेहद गंभीर हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि वो इस मामले की सीबीआई जांच के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा क्यों नहीं खटखटा रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस सुधार पर दिए गए कोर्ट के फैसले को अभी तक लागू नहीं किया गया है। कोर्ट ने आगे कहा कि पुलिस सुधार का मुद्दा तभी उठता है, जब राजनैतिक हलचल में ज्यादा उथल-पुथल होती है।

हालांकि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है और उन्होंने कहा कि वो बॉम्बे हाईकोर्ट जाएंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की स्वतंत्रता मंजूर की जाती है।

देर रात मुख्यमंत्री ठाकरे से मिले अनिल देशमुख, दी सफाई
मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद गंभीर आरोपों से घिरे महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। बता दें कि विपक्ष की ओर से लगातार अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की जा रही है, ऐसे में मुख्यमंत्री के साथ गृह मंत्री की मुलाकात अहम हो सकती है

राज्य सरकार ने किया 86 पुलिस कर्मियों का तबादला
मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली जिलेटिन की छड़ों से लदी स्कॉर्पियो मामले में हटाए गए मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर धन उगाही के आरोप लगाने से सियासी उथल-पुथल जारी है। इस बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को 86 पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया है। इनमें मुंबई क्राइम ब्रॉन्च के 65 अधिकारी शामिल हैं।

एनआईए का महाराष्ट्र एटीएस पर आरोप
वहीं इस बीच एनआईए ने स्पेशल एनआईए कोर्ट को सूचित किया कि मनसुख हिरन की मौत के मामले में एमएचए द्वारा निर्देश दिए हुए तीन दिन हो गए हैं, लेकिन महाराष्ट्र एटीएस ने केस से संबंधित दस्तावेज अभी तक नहीं सौंपे हैं।

 

क्या है मामला
उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जिलेटिन की छड़ों से भरी स्कॉर्पियो मिलने के मामले में हटाए गए मुंबई पुलिस के आयुक्त परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली कराने का आरोप लगाया था। अनिल देशमुख ने पहले इन दावों को गलत बताया और परमबीर सिंह पर मानहानि का दावा करने की बात कही। उनके आरोपों के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मच गया है।

वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में मंगलवार को गृह सचिव से मुलाकात कर उन्हें सबूत सौंपते हुए प्रकरण पर कार्रवाई की मांग की है।
गृह सचिव से मिलकर फडणवीस ने सौंपे सबूत
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में मंगलवार को गृह सचिव से मुलाकात कर उन्हें सबूत सौंपते हुए प्रकरण पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने गृह सचिव अजय भल्ला से मुलाकात के बाद कहा कि मेरे पास जो जानकारी थी वो गृह सचिव को सौंप दी है।

उन्होंने कहा कि मैंने आईपीएस और महाराष्ट्र पुलिस के गैर-आईपीएस अधिकारियों के कथित ट्रांसफर पोस्टिंग रैकेट से संबंधित 6.3 जीबी कॉल रिकॉर्डिंग और कुछ दस्तावेजों को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे पास जो सबूत थे, मैंने उन्हें बंद लिफाफे में गृह सचिव को सौंपा है, मेरे पास जो जानकारी थी उसकी पूरी ब्रीफिंग भी मैंने उन्हें दी है। मैंने उनसे सीबीआई जांच की मांग की है। गृह सचिव ने मुझे कहा कि वो सारी चीजें देखेंगे और सरकार उस पर उपयुक्त कार्रवाई करेगी।

इससे पहले दिल्ली में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि मैं गृह सचिव से मिलने जा रहा हूं। मैंने जो आरोप लगाए हैं, वो पुख्ता सबूत के साथ लगाए हैं। मैं सारे सबूत दे रहा हूं। मैं मांग कर रहा हूं कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। मैं सारी चीजें गृह सचिव को सौपूंगा।

उन्होंने कहा था कि ट्रांसफर का रैकेट कमिश्नर ऑफ इंटेलिजेंस ने पकड़ा, पकड़ने से पहले डीजी और एसीएस होम की अनुमति ली और मुख्यमंत्री तक रिपोर्ट पहुंचाई। अब तक रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की गई। मैंने आज दिल्ली में गृह सचिव से मिलने का समय मांगा है, मैं सीबीआई से जांच कराने की मांग करूंगा।

वार : रविशंकर प्रसाद बोले- महाराष्ट्र में जो हो रहा वो ‘विकास’ नहीं ‘वसूली’
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि महाराष्ट्र में जो हो रहा वो ‘विकास’ नहीं ‘वसूली’ है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने लिखा कि राज्य के गृह मंत्री जी ने मुंबई से 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का टार्गेट तय किया है। जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है तो बाकी के मंत्रियों का कितना होगा?

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी ने कुछ दस्तावेजों के साथ कहा है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी। वो भी छोटे मोटे ऑफिसर्स की ही नहीं बल्कि बड़े बड़े आईपीएस ऑफिसर्स की भी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में बड़े अधिकारियों की पोस्टिंग में वसूली हो रही है, तो हमें लगा मुख्यमंत्री कार्रवाई करेंगे।  लेकिन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय, एक ईमानदारी महिला अधिकारी को सिविल डिफेंस का डीजीपी बना दिया।

शरद पवार को देशमुख के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई: फडणवीस
इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को दावा किया था कि गृह मंत्री अनिल देशमुख की जांच में कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद उनके क्रियाकलाप के बारे में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को सही सूचना नहीं दी गई।

फडणवीस ने मुंबई में संवाददाता सम्मेलन में यह भी दावा किया कि राज्य में महा विकास आघाड़ी सरकार ने राज्य के खुफिया विभाग की एक ठोस रिपोर्ट पर ‘कार्रवाई’ नहीं की जिसमें पुलिस अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति में भ्रष्टाचार के संबंध में हुई बातचीत का ऑडियो था।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने कहा कि वीआईपी लोगों के आवागमन संबंधी पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अनिल देशमुख 17 फरवरी को मुंबई में सह्याद्री अतिथि गृह और 24 फरवरी को मंत्रालय गए थे। उन्होंने कहा कि देशमुख 15 फरवरी से 27 फरवरी के बीच घर पर पृथक-वास में थे लेकिन अधिकारियों से मुलाकात कर रहे थे। मुझे लगता है कि पवार साहब को कल ठीक से इसके बारे में नहीं बताया गया।

आखिर रात में क्यों और कैसे चमकते हैं जुगनू?

रात के अंधेरे में जुगनुओं को उड़ते देख हर कोई रोमांचित हो जाता है। वैसे शहरों में तो ये बहुत कम दिखआई देते हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इनकी संख्या काफी है। हालांकि, अब गांवों में भी जुगनू धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं।

आपने कभी ये सोचा है कि जुगनू रात में क्यों चमकते हैं? आज हम आपको इस लेख के माध्यम से ये बताएंगे कि जुगनू रात में क्यों और कैसे चमकते हैं।

दरअसल, जुगनुओं के चमकने के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य अपने साथी यानी मादा जुगनुओं को आकर्षित करना और अपने लिए भोजन तलाशना होता है। जुगनूओं की चमक तीन तरह के रंग की होती है- हरा, पीला और लाल। मादा जुगनू जंगलों में पेड़ों की छाल में अपने अंडे देती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जुगनूओं के अंडे भी चमकते हैं।

अगर आपको जुगनुओं के बारे में जानकारी ना हो, तो आप पहचान नहीं सकते हैं कि वो जुगनू मादा है या नर। आपको बता दें कि मादा जुगनुओं के पंख नहीं होते हैं, इसलिए वो एक ही जगह पर चमकती हैं, जबकि नर जुगनूओं के दो पंख होते हैं, इसलिए वो उड़ते हुए चमकते हैं।

वैसे तो भारत में भी काफी संख्या में जुगनू पाए जाते हैं, लेकिन अधिक रोशनी से चमकने वाले जुगनू अधिकतर वेस्टइंडीज और दक्षिणी अमेरिका में पाए जाते हैं।

जुगनूओं की खोज वर्ष 1667 में रॉबर्ट बायल नाम के एक वैज्ञानिक ने की थी। पहले यह माना जाता था कि जुगनुओं के शरीर में फास्फोरस होता है और इसी की वजह से ये चमकते रहते हैं, लेकिन बाद में वैज्ञानिकों ने इस बात को नकार दिया।

इतालवी वैज्ञानिक स्पेलेंजानी ने 1794 में ये साबित किया कि बताया कि जुगनू फास्फोरस की वजह से नहीं बल्कि ल्युसिफेरेस नामक प्रोटीनों के कारण चमकते हैं। ये प्रोटीन मुख्य रूप से पाचन से संबंधित है।

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