
वैज्ञानिकों ने दुनिया को कई बड़ी-बड़ी चीजें दीं लेकिन कई आविष्कारक ऐसे भी हुए, जिन्हें बाद में उन्हीं चीजों का पछतावा हुआ जो उन्होंने खुद बनाई थीं.
मिखाईल कलाश्निकोव

मिखाईल कलाश्निकोव
30 राउंड वाली एके 47 दुनिया की सबसे ज्यादा पहचानी जाने वाली राइफल है. सोवियत इंजीनियर मिखाईल कलाश्निकोव ने यह ऑटोमैटिक राइफल दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बनाई थी. बाद में सालों में उन्हें यह बात परेशान करती रही कि उनकी खोज से जितनी जानें गयीं हैं उसकी वजह कहीं न कहीं वह खुद हैं.
अल्फ्रेड नोबेल

अल्फ्रेड नोबेल
अल्फ्रेड नोबल ने डायनामाइट की खोज की थी. 1888 में एक अखबार ने गलती से अल्फ्रेड नोबेल की मौत की खबर छापी. उस खबर को नोबेल ने भी पढ़ा. अखबार ने लिखा था, “मौत के सौदागर की मृत्यु”. अपनी मृत्यु का समाचार पढ़कर नोबेल को गहरा सदमा लगा. उन्होंने बाद में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार की स्थापना की.
कैमरन लोगमान

कैमरन लोगमान
कैमरन लोगमान 1980 के दशक में एफबीआई के लिए काम किया करते थे. उन्होंने पेपर स्प्रे को एक हथियार में तब्दील करने में मदद की. उन्होंने पुलिस विभाग के लिए एक गाइड भी लिखी कि इसे कैसे इस्तेमाल किया जाना है. लेकिन बाद के सालों में विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए इसका जिस तरह इस्तेमाल किया गया उसके लिए वे बेहद हताश हुये.
ऑरविल राइट

ऑरविल राइट
राइट ब्रदर्स की हवाई जहाज बनाने की कहानी किसने नहीं सुनी. ऑरविल राइट और विल्बर राइट ने अपना पूरा जीवन हवाई हजाज को बनाने और उसको बेहतर करने में बिता दिया. बाद में उन्होंने अपने जहाज 1990 में अमेरिकी सेना को बेच दिये थे. लेकिन पहले विश्व युद्ध में उन जहाजों ने जो विध्वंस मचाया उसे देख कर ऑरविल राइट विचलित हो गये थे.
बॉब प्रॉप्स्ट

बॉब प्रॉप्स्ट
अमेरिका में काम करते हुये बॉब प्रॉप्स्ट ने क्यूबिकल ऑफिस बनाने का आईडिया दिया था. उन्होंने यह आइडिया लोगों को एक खुला और बेहतर वातावरण देने के लिए बनाया था. लेकिन कंपनियों में उस आइडिया को पैसा बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा. बाद में उन्होंने कहा, “कॉर्पोरेट दफ्तरों में जिस तरह क्यूबिकल ऑफिस का इस्तेमाल किया जा रहा है वह पागलपन है.”
रॉबर्ट ओपेनहाइमर/ अल्बर्ट आइनस्टाइन
जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बम का निर्माण किया. वे उस समय परमाणु बम के निर्माण के लिए शुरू की गई मैनहट्टन परियोजना के वैज्ञानिक निदेशक थे. परमाणु बम को तैयार करने का काम संभव हुआ अल्बर्ट आइनस्टाइन की मदद से. दोनों ने बाद के सालों में एटम बम की खोज पर अफसोस जाहिर किया था.