teeth Health:दांतो को परफेक्ट लुक देने के लिए सबसे सही तरीका, मुस्कान रहेगी बरकरार

By | March 17, 2021
teeth smile

teeth Health: एक प्यारी मुस्कान के साथ दिन की शुरुआत पूरा दिन बेहतर बना देती है. ऐसे में सफेद चमकदार दांत होना भी जरूरी है. जिस तरह हम शरीर और मन को स्वस्थ रहने के लिए बहुत मेहनत करते हैं. आस-पास की जगह साफ-सुथरी रखने के साथ-साथ ओरल हाइजीन (Oral Hygiene) भी बहुत जरूरी है.

teeth Health

लोग दांतों की देखभाल के लिए ब्रश करते हैं लेकिन दांतों को स्वस्थ रखने के लिए सिर्फ ब्रश करना ही काफी नहीं है. बहुत सारे लोगों के पास वक्त की भी कमी होती है और उनके लिए ब्रश करने का टाइम निकालना ही बड़ी बात हो जाती है. लेकिन आप घर बैठे साफ, चमकदार और स्वस्थ दांत पा सकते हैं. होते हैं ताकि आपकी मुस्कान से आपके आस-पास वालों का भी दिन बन जाए.

दांतो को परफेक्ट लुक देने के लिए फ्लॉसिंग (Flossing) कीजिए. जानिए, दांतों की फ्लॉसिंग करने का सबसे सही तरीका, साथ ही जानिए इसे करते समय क्या एहतियात बरतना चाहिए.

क्या है फ्लॉसिंग?
फ्लॉसिंग एक ऐसा तरीका है जिसमें किसी पतले धागे के जरिए दांतों की साफई की जाती है.

कैसे करें फ्लॉसिंग?

  • धागे (thread) के दोनों छोर को दोनों हाथों से पकड़िए.
  • अब इसे दो दांतों के बीच में फंसाइए इसके बाद धारे-धारे हल्के हाथों से धागे को दांतों पर ऊपर से नीचे तक रगड़िए.
  • इससे दांतों में जमी गंदगी साफ होती है.
  • आप चाहें तो टूथपिक (Toothpick) के जरिए भी दांतों की सफाई कर सकते हैं लेकिन मसूड़ों को टूथपिक की नोक से बचाना न भूलें.

कब करें फ्लॉसिंग?

  • डॉक्टर्स के मुताबिक दिन में एक बार फ्लॉसिंग करनी चाहिए लेकिन समय के अभाव की वजह से ऐसा रोज करना संभव नहीं हो पाता तो आप हफ्ते में कम से कम 3 बार फ्लॉसिंग कर सकते हैं.
  • आप ऐसा करने के लिए रात का वक्त चुन सकते हैं.
  • आपको अत्यधिक फ्लॉसिंग करने से भी बचना होगा.

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 दांतों की देखभाल करने के लिए घरेलू नुस्खे जान लीजिए

लोग खूबसूरत दिखने के लिए चेहरे पर तमाम ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं. स्वस्थ रहने के लिए भी खूब जद्दोजहद करते हैं. ऐसे में लोग अक्सर दांतो को नजरअंदाज कर देते हैं. स्वस्थ शरीर और मन के साथ-साथ ओरल हेल्थ भी बहुत जरूरी है. मुंह और दांतों के लिए ओरल हाइजीन बेहद जरूरी है यानि दांतों को साफ-सुथरा और सेहतमंद रखना बहुत जरूरी है.

ऐसा करने से प्लाक, कैविटी और दांतों पर गंदगी नहीं रहती है. वहीं कई लोगों के मुंह से बहुत दुर्गंध आती है. जिसे बैड ब्रीथ भी कहा जाता है. कई बार यह पेट साफ न होने की वजह से भी होता है. ऐसे में आपकी पाचन क्रिया तो अच्छी होनी ही चाहिए, साथ ही मुंह की दुर्गंध से तुरंत निजात पाने के लिए आपको क्या करना होगा यह हम आपको बताएंगे.  साथ ही हम आपको बताएंगे दांतों की देखभाल (Dental Care) करने के लिए घरेलू नुस्खे (Easy Home Remedies).

मुंह की दुर्गंध दूर करने के लिए क्या करना होगा?

  • सबसे पहले सुबह ब्रश करें
  • इसके बाद व्हाइट विनेगर में बराबर मात्रा में पानी मिला लें और कुल्ला करें.
  • मिनटों में मुंह की दुर्गंध दूर हो जाएगी.

कैसे पाएं सफेद दांत?

कई लोग सबके सामने हंसना पसंद नहीं करते. इसकी वजह अक्सर उनके पीले दांत होते हैं. खिलखिलाती हंसी के लिए करें अपने दांतों की देखभाल.

  • आधा टीस्पून बेकिंग सोडा में चुटकीभर नमक मिलाएं और दांतों पर उंगलियों या ब्रश की मदद से मसाज करें.
  • इसके बाद टूथपेस्ट से दांत साफ़ कर लें.

दांतों को सड़ने से कैसे बचाएं?

कई लोगों को दांतों को सड़ने की शिकायत रहती है.
अखरोट की गिरी को कूटकर टूथपेस्ट में मिलाएं ब्रश करें. ऐसा करने से दांतों की सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी.

घर पर कैसे तैयार करें टूथपाउडर?

दांतों के लिए घर पर टूथपाउडर तैयार किया जा सकता है.

  • तेजपत्ता लें और उसे संतरे के सूखे हुए छिलकों के साथ महीन पीस लें.
  • उंगली की मदद से दांतों को साफ करें.

इन 5 आसान उपायों को अपनाकर दूर करें दांतों का पीलापन

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हंसता हुआ चेहरा सभी को अच्छा लगता है लेकिन हंसते चेहरे पर अगर आपके दांत पीले दिखें तो, आपके लिए ये बेइज्जती का सबब बन सकते हैं

दुनिया में किसी भी इंसान की खूबसूरती में चार चांद हमारे दांत (Oral Health Day) ही लगाते हैं. शरीर और हमारे व्यक्तित्व का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा हमारे दांत हैं. हंसता हुआ चेहरा सभी को अच्छा लगता है लेकिन हंसते चेहरे पर अगर आपके दांत पीले दिखें तो, आपके लिए ये बेइज्जती का सबब बन सकते हैं. कभी-कभी हमारे खानपान में की गई कुछ गलतियों का असर दांतों पर दिखने लगता है.

धूम्रपान के अत्यधिक सेवन, चाय, कार्बोनेटेड पेय, जामुन के सेवन आदि से दातों पर दाग पड़ जाते हैं और दांत खराब दिखने लगते हैं. हर किसी के दांत सफेद ही होते हैं मगर दांतों की ठीक से साफ-सफाई ना होने पर वो पीले पड़ जाते हैं. आज हम आपके लिए लाए हैं कुछ ऐसे आसान घरेलु उपाय जिन्हें अपनाकर आप आसानी से घर बैठे ही अपने दातों की सफेदी एक बार फिर से वापस पा सकते हैं.

नीम (Neem)

दांतों की समस्या के लिए नीम का इस्तेमाल काफी अच्छा साबित होता है. दांतों के पीलेपन और दांतों की अन्य समस्याओं को कम करने में नीम का इस्तेमाल रामबाण की तरह है. दांतों से पीलापन दूर करने के लिए नीम के दातून का इस्तेमाल करें इससे ना सिर्फ दातों का पीलापन दूर होगा बल्कि आपके दांत और ज्यादा मजबूत भी होंगे. नीम नेचुरल एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक है. इसमें दांतों को सफेद बनाने और बैक्टीरिया को खत्म करने के गुण पाए जाते हैं.

नमक और सरसों का तेल

नमक और सरसों के तेल का पेस्ट दांतों को साफ करने का सबसे पुराना देसी उपाय है. ये पेस्ट दांतों की अंदरुनी सफाई करके दांतों को मजबूत बनाता है और साथ ही दांतों का पीलापन भी दूर करता है. आधा चम्मच नमक में कुछ बूंद सरसों के तेल की डालें और इससे हफ्ते में 3 बार दांतो को साफ करें. इसके इस्तेमाल के बाद दांतों को अच्छे से धो लें.

नमक और नींबू का पेस्ट

नमक के साथ नींबू का रस भी दातों के पीलेपन को दूर करने में मददगार साबित होता है. इस  पेस्ट का इस्तेमाल करते हुए दातों की 5 मिनट तक मसाज करें इसके बाद अच्छे से पानी से धो लें. इसके इस्तेमाल का असर कुछ ही हफ्तों में आपको नजर आने लगेगा.

कोयला

आपने टीवी के कई विज्ञापनों में चारकोल के गुणों के बारे में सुना होगा. दातों से पीलापन हटाने में भी चारकोल फायदेमंद है. इसके लिए आप बाजार से एक्टिव चारकोल का पाउडर लेकर अपने दातों की सफाई कर सकते हैं.

केले का छिलका

दांतों की समस्या के लिए केले का छिलका काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम और मैंगनीज होता है. केले के छिलके आपके दांतों के पीलेपन से छुटकारा पाने के लिए उपयोगी है. इसके लिए केले के छिलके को अपने दांतों पर रगड़ सकते हैं. हफ्ते में कम से कम 2 बार इसका इस्तेमाल आपके दांतों से पीलापन छुड़ाने में काफी मदद करेगा.

दांतों में हो सकती हैं ये बीमारियां, ऐसे रखें ख्याल

दांत, हड्डी के नहीं बने होते बल्कि ये अलग-अलग घनत्व व कोठर ऊतकों या टिशुओं से बने होते हैं. विभिन्न खाद्य पदार्थों में मिलावट के चलते बड़े पैमाने पर लोगों में दांतों की बीमारियां देखने को मिल रही हैं.

दांत (Teeth) हमारे शरीर का ऐसा अंग होते हैं, जो ना सिर्फ चेहरे की सुंदरता को बढ़ाते हैं बल्कि आपके स्वास्थ्य में भी अहम किरदार निभाते हैं. दांत यदि स्वस्थ्य होंगे तो आप अच्छे से भोजन को बचा कर खा सकते हैं. इससे भोजन पहने में आसानी में होती है और आप स्वास्थ्य रहते हैं. इसके अलावा कमजोर दांत (Weak Teeth) वालों को फलों यादि को खाने में भी दिक्कत होती है.

अब बात करते हैं दांतों (Oral Health Day) को होने वाली बीमारियों की. दांतों को नुकसान क्यों पहुंचता है इस बात को समझने से पहले ये जानना जरूरी है कि दांत होता क्या है. दांत, हड्डी के नहीं बने होते बल्कि ये अलग-अलग घनत्व व कोठर ऊतकों या टिशुओं से बने होते हैं. विभिन्न खाद्य पदार्थों में मिलावट के चलते बड़े पैमाने पर लोगों में दांतों की बीमारियां देखने को मिल रही हैं. आपको मालूम होना चाहिए कि दांतों की बीमारियों का संबंध शरीर की अन्य बीमारियों से भी होता है.

हैलिटोसिस- हैलिटोसिस को आमतौर पर मुंह की दुर्गंध के रूप में जाना जाता है. मुंह से दुर्गंध आना सबसे शर्मनाक दांत की समस्याओं में से एक है. यह सामाजिक शर्मिंदगी का कारण भी बन सकता है. हैलिटोसिस के कारण दांतों को क्षति पहुंच सकती है.

पायरिया- शरीर में कैल्शियम की कमी होने, मसूड़ों की खराबी और दांत-मुँह की साफ सफाई में कमी रखने से होता है. इस रोग में मसूड़े पिलपिले और खराब हो जाते हैं और उनसे खून आता है. सांसों की बदबू की वजह भी पायरिया को हीन माना जाता है. पायरिया होने पर जब आप दांतों को ब्रश करते हैं तो उस समय मसूड़ों से खून निकलता है. सांसों से बदबू आने लगती है.

दांत ढीले हो जाते हैं या दांतों की स्थिति में परिवर्तन हो जाता है. चबाने पर दर्द महसूस होता है. दांतों के बीच अंतराल बढ़ जाता है और दांत टूटकर गिरने लगते हैं. अपने मुंह का स्वाद परिवर्तित हो जाता है.

कैविटी- इसमें दांतों में कीड़े लग जाते हैं, जो धीरे-धीरे दांत को कमजोर कर देते हैं. ये बीमारियां विशेषतौर पर तब होती हैं, जब खाना दांतों पर चिमका रह जाता है. बहुत ज्यादा चॉकलेट, टॉफी को खाने वाले बच्चों में ये बीमारी ज्यादा पाई जाती है. इस बीमारी में दांत कमजोर हो जाते हैं और टूट कर गिर भी जाते हैं.

एनामेलोमास- एनामेलोमास दांतों की वह असामान्यता है जिसमें दांतों के कुछ हिस्सों पर इनामेल पाया जाता है जहां इनामेल नहीं होना चाहिए. यह जड़ों के बीच के हिस्सों में पाया जाता है, जिसे दाड का विभाजन भी बोलते हैं.

हाइपोडंटिया- दांतों की वह असामान्यता है जिसमें 6 या 6 से अधिक प्राथमिक दांत, स्थिर और पक्के दांत या फिर दोनों प्रकार के ही दांत विकसित नहीं हो पाते हैं. यह एक अनुवांशिक रोग है जो किसी-किसी मनुष्य में पाया जाता है.

पीरियडोंटल या मसूड़ों की बीमारी- यह लाल रंग के सूजे हुए, दर्दनाक गम और संवेदनशील दांतों के लक्षण होते हैं. और इसे नियमित रूप से सुबह और रात को ब्रश करने और दांतों को फ्लॉस करने से रोका जा सकता है.

इसके अलावा शरीर की अन्य बीमारियों का असर भी दांतों पर पड़ता हैं. इन बीमारियों में भी दांत कमजोर हो जाते हैं.

डायबिटीज के दौरान दांत कमजोर होना- मधुमेह के रोगियों में मसूड़ों में सूजन, दांतों का ढीलापन और मुंह से बदबू आना आदि की समस्या पाई जाती है. इन रोगियों में मुंह की लार में पाए जाने वाले कीटाणु अधिक सक्रिय हो जाते हैं. इसलिए उनके मसूड़ों और जबड़े की हड्डी में संक्रमण हो जाता है. ऐसे में दांत कमजोर हो जाते हैं.

गर्भावस्था के दौरान मसूड़ों में सूजन- गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोनल परिवर्तन के कारण मसूड़ों में सूजन एवं खून आने की शिकायत जिसे प्रग्नेंसी जिंजीपाइटिस कहते हैं पाई जाती है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को अपने दांतों का चेकअप करवाते रहना चाहिए. इसके अतिरिक्त अर्थराइटिस, अस्थमा आदि में भी दांतों का खास ध्यान रखना चाहिए.

ब्लड प्रेशर की बीमारी- इन रोगियों में मसूड़ों से खून आना, दुर्गंध और मुख में सूखापन आदि की समस्या पाई जाती है. अत: इन रोगियों को अपने रक्तचाप को नियंत्रण में रखना चाहिए. हृदय रोग में होने वाले दर्द को आमतौर पर कभी-कभी दांत के दर्द से जोडक़र देख लिया जाता है.

ऐसे रखें दांतों का ख्याल

हमेशा नरम बालों वाले ब्रश का उपयोग करें. नियमित रूप से प्रात: व सोने से पूर्व ब्रश करें. ब्रश करने में लगभग दो मिनट का समय दें. बहुत देर तक ब्रश करना दांतों के इनेमल के लिए हानिकारक होता है. अच्छे फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का प्रयोग करें. ब्रश को प्रत्येक चार महीने में बदल दें. दांतों की दरारों को साफ करने के लिए डेंटल फ्लॉस अथवा मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध इंटर डेंटल ब्रश का उपयोग करें. माउथवॉश का नियमित रूप से प्रयोग करें.

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