By | May 29, 2022
IPL 2022 Final

IPL 2022 Final: गुजरात के लिए सबसे बड़ा खतरा साबित होंगे ये 3 खिलाड़ी

गुजरात और राजस्थान आईपीएल 2022 के फ़ाइनल में आमने-सामने हैं. आज से ठीक 64 दिन पहले जब 26 मार्च को आईपीएल-2022 शुरू हुआ था तब किसी ने ये सोचा भी नहीं था कि दो अंडरडॉग्स (कम क्षमता वाली) टीम इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के 15वें संस्करण का फ़ाइनल खेलेंगी.

लेकिन एक ओर नए नेतृत्व के साथ नई नवेली टीम गुजरात, जो पहली बार आईपीएल जैसे दुनिया के सबसे बड़े टी20 टूर्नामेंट में उतरी है, तो दूसरी तरफ़ उथल-पुथल भरे पिछले कई सीज़न से जूझती एक कम अनुभवी कप्तान की अगुवाई वाली टीम राजस्थान आज फ़ाइनल में आमने-सामने हैं.

खिलाड़ियों की नीलामी के दिन से ही गुजरात के टीम चयन को लेकर कई बातें सुनने को मिल रही थीं.

सबसे पहले तो कप्तान हार्दिक पंड्या को लेकर ही बातें हो रही थीं कि ख़ुद फॉर्म को तलाश रहा एक चोटिल खिलाड़ी टीम के नए खिलाड़ियों को कैसे बढ़िया नेतृत्व दे सकेगा. साथ ही टूर्नामेंट से ठीक पहले उसके सलामी बल्लेबाज़ जेसन रॉय (इंग्लैंड) बायो बबल की परेशानियों का हवाला देते हुए टीम से बाहर हो गए.

दूसरी ओर राजस्थान के लिए ये तो शुरू से कहा जा रहा था कि टीम बहुत सॉलिड है. लेकिन, कप्तान और उनकी बल्लेबाज़ी पर यदा-कदा सवाल ज़रूर उठ रहे थे. लेकिन दोनों टीमों ने आईपीएल 2022 की शुरुआत बड़ी जीत के साथ की. संजू सैमसन ने तो पहले मैच में ही आगे बढ़कर नेतृत्व किया और टीम ने 210 रन बना दिए. संजू ‘मैन ऑफ़ द मैच’ बने.

अगले मैच से टीम के लिए जीत की कमान जॉस बटलर ने ऐसी संभाली कि मैच दर मैच रनों का पहाड़ खड़ा करते चले गए तो उनका साथ देने के लिए युजवेंद्र चहल ने गेंदबाज़ों की कमान संभाल ली. लीग मैचों के बाद पॉइंट टेबल में राजस्थान दूसरे नंबर पर रहा और आलम ये है कि फ़ाइनल के बाद बटलर ऑरेंज कैप तो चहल पर्पल कैप जीतते हुए दिखेंगे.

वहीं लीग दौर में पहले नंबर पर रही हार्दिक की टीम पूरे टूर्नामेंट में अलग ही अंदाज़ में दिखी. मैच दर मैच गुजरात ने अपने प्रदर्शन के बूते आलोचकों के मुंह पर ताला जड़ दिया. टीम ने आखिरी ओवरों में 10+ स्कोर पांच बार सफलतापूर्वक चेज़ किया. तो हार्दिक ने बतौर कप्तान आगे बढ़कर मोर्चा संभालने का काम किया और आलोचकों को प्रशंसक में तब्दील कर दिया.

शुरुआती मैचों में मोहम्मद शमी, हार्दिक पंड्या, डेविड मिलर, राशिद ख़ान जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने जीत की बागडोर संभाली तो बाद के मैचों में शुभमन गिल और रिद्धिमान साहा की ठेठ देसी जोड़ी ने ऐसा प्रदर्शन किया कि जेसन रॉय किसी को याद ही नहीं रहे.

हार्दिक पंड्या vs संजू सैमसन

सबसे पहले बात करते हैं दोनों टीमों के कप्तानों की. एक ओर हैं हार्दिक पंड्या, जिनकी कप्तानी की तारीफ़ ख़ुद पूर्व कोच रवि शास्त्री भी कर चुके हैं.

तो टीम के उप-कप्तान राशिद ख़ान उन्हें दिलेर कप्तान बताते रहे हैं.

टूर्नामेंट के दौरान राशिद कह चुके हैं, “वे (हार्दिक) उनमें से हैं जिसने हमेशा निडर फ़ैसले लिए हैं और जो वे करने जा रहे हैं उसे लेकर उनका दिमाग इसे लेकर बिल्कुल स्पष्ट है.”

“बतौर खिलाड़ी, आपको मैच के दौरान कप्तान की ओर से एक तरह की आज़ादी चाहिए होती है. और ये कुछ ऐसा है जो हार्दिक अपने हर खिलाड़ी को देते हैं. वे हमें सकारात्मक ऊर्जा देते हैं.”

इस टूर्नामेंट के दौरान दिखा कि टीम चाहे जीत रही हो या कठिन परिस्थितियों में हो या हार ही रही हो हार्दिक पंड्या कभी अपना आपा नहीं खोते, मैदान में उन्हें सब बेहद कूल देखते हैं और यही कारण है कि उन्हें माही (महेंद्र सिंह धोनी) के बाद दूसरा कैप्टन कूल भी कहा जाने लगा है. ख़ुद पंड्या भी ये कहते नहीं चूकते कि धोनी का उनकी क्रिकेट पर बहुत प्रभाव है.

पंड्या को तीन भारतीय कप्तानों महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा के नेतृत्व में खेलने का अवसर मिला और उन्होंने उन तीनों से कुछ न कुछ सीखा है.

जैसा कि ख़ुद पंड्या ने इसी साल आईपीएल के लिए खिलाड़ियों की नीलामी से पहले कहा था, “विराट से मैं जोश, आक्रामकता और मैदान में उनकी ऊर्जा लेना चाहूंगा. माही भाई से मैं संयम, शांत रहना और हर तरह की परिस्थितियों में एक समान रहना लेना चाहता हूं साथ ही ये भी कि कौन सी नई चीज़ मैं ख़ुद में जोड़ सकूं. वहीं रोहित से मैं ये लेना चाहूंगा कि एक खिलाड़ी ख़ुद ये तय करे कि वो मैच में क्या करना चाहता है.”

तो दूसरी तरफ़ संजू सैमसन ने जहां बतौर बल्लेबाज़ बटलर के बाद टीम के लिए सबसे अधिक रन बनाए वहीं उनकी कप्तानी की तारीफ़ पार्थिव पटेल और इरफ़ान पठान जैसे क्रिकेटरों ने बार बार की.

पार्थिव पटेल उन्हें इस आईपीएल का सबसे प्रभावशाली कप्तान मानते हैं.

वे कहते हैं, “संजू आईपीएल 2022 में सबसे प्रभावशाली कप्तान रहे हैं. वे मैदान पर शांत दिखते हैं. उनके फ़ैसले लेने में ग़ज़ब का आत्मविश्वास झलकता है. उन्होंने अपनी कप्तानी में काफ़ी सुधार किया है.”

तो इरफ़ान पठान का मानना है कि पहले बल्लेबाज़ी करना और फिर बाद में जितने रन बनाए हैं उसे विपक्षी टीम को न बनाने देना, इसके लिए बेहतरीन कप्तानी कौशल की ज़रूरत होती है.

इरफ़ान कहते हैं, “संजू सैमसन इस सीज़न में अब तक के सबसे बेहतरीन युवा कप्तानों में से रहे हैं. जब स्कोरबोर्ड पर बन चुके रन बनाने से विपक्ष को रोकना हो तब इस खेल में कप्तान की बड़ी भूमिका आती है, राजस्थान रॉयल्स ये नियमित रूप से कर रही है.”

संजू के सामने जॉस बटलर, रविचंद्रन अश्विन, युज़वेंद्र चहल, ट्रेंट बोल्ट जैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के धुरंधर और यशस्वी जायसवाल और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे अपेक्षाकृत युवा खिलाड़ी थे. उनके अलग-अलग मिज़ाज को सही तरीक़े से संभालना ही ख़ुद में बड़ी बात थी तो संजू ने एक अच्छे कप्तान के रूप में उनसे उनका बेहतरीन प्रदर्शन भी करवाया.

ख़ुद टीम के कोच और क्रिकेट निदेशक कुमार संगकारा भी कहते हैं, “संजू को अपने किरदार की बखूबी समझ है. रणनीति बनाने की उनकी क्षमता में बड़ा सुधार हुआ है. उन्हें अपनी टीम पर विश्वास है और उनकी टीम उन्हें एक कप्तान के रूप में देखती है.”

दोनों टीमें किन बल्लेबाज़ों, गेंदबाज़ों के बूते यहां तक पहुंचीं?

लीग दौर में दोनों टीमों ने 14 मैच खेले. गुजरात ने 10 जीते तो राजस्थान ने 9. दोनों टीमें पहले क्वालिफ़ायर में आमने-सामने थीं जहां गुजरात ने राजस्थान को हरा दिया और सीधे फ़ाइनल में जा पहुंची. तो राजस्थान इसके बाद लखनऊ से एलिमिनेटर मुक़ाबला जीत कर आई बैंगलोर की टीम को दूसरे क्वालिफ़ायर में हराया.

अब दोनों टीमें जब फ़ाइनल में एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं तो बात करते हैं उन खिलाड़ियों की जिनके प्रदर्शन के बूते दोनों टीमों ने यहां तक का सफ़र तय किया है.

फ़ाइनल तक के सफ़र में राजस्थान के सात तो गुजरात के आठ खिलाड़ी ‘मैन ऑफ़ द मैच’ चुने गए.

राजस्थान के लिए जॉस बटलर तीन बार, युज़वेंद्र चहल दो बार, तो कप्तान संजू सैमसन, रियान पराग, यशस्वी जायसवाल, रविचंद्रन अश्विन और ट्रेंट बोल्ट एक-एक बार ‘मैन ऑफ़ द मैच’ रहे.

वहीं गुजरात की ओर से डेविड मिलर और शुभमन गिल दो बार जबकि कप्तान हार्दिक पंड्या, राशिद ख़ान, मोहम्मद शमी, लोकी फर्ग्यूसन, रिद्धिमान साहा और राहुल तेवतिया इस टूर्नामेंट में ‘मैन ऑफ़ द मैच’ प्रदर्शन एक-एक बार कर चुके हैं.

राजस्थान की ओर से टूर्नामेंट में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले पांच खिलाड़ियों में जॉस बटलर ने 824 रन और संजू सैमसन ने 444 रन बनाए हैं तो युजवेंद्र चहल ने 26 विकेट और प्रसिद्ध कृष्णा ने 18 विकेट लिए हैं वहीं रविचंद्रन अश्विन ने ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए 185 रन बनाए हैं तो 12 विकेटें भी ली हैं.

उधर गुजरात के लिए उसके कप्तान हार्दिक पंड्या अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से टॉप परफॉर्मर हैं. उन्होंने जहां 453 रन बनाए हैं वहीं पांच विकेटें भी ली हैं, वो भी उन अहम मौकों पर जब टीम को उसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी.

वहीं अपनी दो दो मैच जिताऊ पारियों के साथ डेविड मिलर ने 449 रन तो शुभमन गिल ने 438 रन बनाए हैं. वहीं मोहम्मद शमी ने 19 विकेट लिए तो राशिद ख़ान ने भी 18 विकेट लेने के साथ-साथ दो बार मैच जिताने में अपने बल्ले का कमाल भी दिखाया और 91 रनों का योगदान दिया है.

राशिद कहते भी हैं, “टीम को जब ज़रूरत होती है तो मुझे वैसा प्रदर्शन करना होता है जो मैच में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाए.”

किसकी जीत की संभावना अधिक है?

पहली नज़र में देखें तो गुजरात का पलड़ा भारी दिखता है क्योंकि इस टूर्नामेंट के दौरान दो बार ये दोनों टीमें आपस में भिड़ी हैं और दोनों बार गुजरात ने राजस्थान को हराया है. लेकिन क्रिकेट के जानकारों की राय इस पर बंटी हुई है.

स्टार स्पोर्ट्स पर दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीन स्मिथ ने कहा कि ये दावा करना मुश्किल है कि कौन जीतेगा क्योंकि दोनों ही टीमें चैंपियनों से भरी हैं. लेकिन उनकी नज़र में राजस्थान को गुजरात पर मामूली बढ़त हासिल है. इसके पीछे उन्होंने वजह बताई कि संजू की टीम इस मैदान पर एक मैच खेल चुकी है तो उसे यहां के माहौल, जैसे कि- पिच, पिच पर उछाल, आउटफील्ड की पहचान हो गई है. यह मैच अहमदाबाद में हो रहा है, जहां राजस्थान रॉयल्स ने बैंगलोर को दूसरे क्वालिफ़ायर में हराया है.

उधर पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना ने स्मिथ की बातों से इत्तेफाक रखते हुए यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि बढ़त गुजरात को है क्योंकि उसकी टीम को कुछ आराम करने का मौका मिला है और वे इस मुक़ाबले के लिए ज़्यादा फ़्रेश होंगे. रैना ये भी कहते हैं कि राजस्थान के पास बटलर जैसे बल्लेबाज़ हैं जो अपना गियर शिफ़्ट करने में माहिर हैं और अगर उनका बल्ला चल गया तो नज़ारा कुछ और हो सकता है.

आईपीएल के 15 सालों में राजस्थान रॉयल्स का सफ़र

आईपीएल के पहले संस्करण 2008 में ट्रॉफ़ी जीतने के बाद से राजस्थान अब तक दोबारा खिताब नहीं हासिल कर सका है. इस बीच मुंबई ने पांच बार जबकि चेन्नई ने चार बार ट्रॉफ़ी जीती है.

2008 में शेन वॉर्न की कप्तानी में टीम ने शुरुआत हार से की थी लेकिन उसके बाद अगले 15 मुक़ाबलों में से केवल दो हारी और पहली ट्रॉफ़ी अपने नाम की.

2009, 2010 और 2011 में भी शेन वॉर्न ही कप्तान थे लेकिन टीम क्रमशः छठे, सातवें और छठे पायदान पर रही.

2012 में कप्तानी राहुल द्रविड़ के हाथों में गई लेकिन टीम प्लेऑफ़ से दूर सातवें स्थान पर रही. वहीं 2013 में द्रविड़ की कप्तानी में ही टीम तीसरे स्थान पर रही और पांच साल बाद प्लेऑफ़ में पहुंची. एलिमिनेटर में हैदराबाद को हराया लेकिन मुंबई से दूसरे क्वालिफ़ायर में हार गई.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके द्रविड़ ने इसके साथ ही आईपीएल को भी अलविदा कह दिया.

संजू सैमसन का आगमन

ये वही साल था जब संजू सैमसन पहली बार राजस्थान के लिए खेलने उतरे थे और आईपीएल करियर के अपने दूसरे मैच में ही बैंगलोर के ख़िलाफ़ 41 गेंदों पर 63 रनों की मैन ऑफ़ द मैच पारी खेली थी. साथ ही राजस्थान की ओर से अजिंक्य रहाणे के साथ सबसे अधिक (339) रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी बने.

2014 में शेन वॉटसन के नेतृत्व में टीम उतरी लेकिन पांचवें पायदान पर रही.

2015 में नेतृत्व स्टीव स्मिथ को सौंपा गया और टीम चौथे स्थान पर रहते हुए प्लेऑफ़ में तो पहुंच गई लेकिन एलिमिनेटर मुक़ाबले में बैंगलोर से बुरी तरह हार गई.

2016 और 2017 में टीम आईपीएल से निलंबित रही और भाग नहीं ले सकी.

इस दौरान संजू सैमसन दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेले और आईपीएल करियर का अपना पहला शतक भी बनाया.

2018 में आईपीएल में राजस्थान ने प्लेऑफ़ में जगह बनाने के साथ वापसी की और संजू सैमसन ने जॉस बटलर (548 रन) के बाद सबसे अधिक 441 रन बनाए.

2019 में राजस्थान की कप्तानी अजिंक्य रहाणे के हाथों में थी लेकिन 11 मैचों में से 7 हारने के बाद टूर्नामेंट के दौरान ही स्टीव स्मिथ को कप्तानी सौंप दी गई. इस बार संजू ने जॉस बटलर और स्टीव स्मिथ से भी अधिक 319 रन बनाए जो राजस्थान की ओर से सबसे अधिक 393 रन बनाने वाले अजिंक्य रहाणे से महज़ 51 रन कम था.

2020 में जब राजस्थान ने आईपीएल में अब तक का सबसे ख़राब प्रदर्शन किया सबसे निचले आठवें पायदान पर रही, तब 2021 में कप्तानी में बड़ा बदलाव लाया गया और तब 26 साल के संजू सैमसन के कंधों पर यह ज़िम्मेदारी रखी गई.

इस बार संजू लगातार दूसरे साल आईपीएल में कप्तानी कर रहे हैं और उनके नेतृत्व में टीम 14 सालों बाद फ़ाइनल में पहुंची है.

अब देखना है कि क्या नई नवेली टीम और उसके नए कप्तान हार्दिक पंड्या पहली बार में ही ट्रॉफ़ी जीतने का कारनामा करेंगे या शेन वॉर्न के बाद राजस्थान को पहली बार संजू सैमसन चैंपियन बनाएंगे.

दोनों टीमें आईपीएल 2022 के इस सबसे बड़े मुक़ाबले के लिए तैयार हैं. तो क्या मोहम्मद शमी और राशिद ख़ान की गेंदों पर बटलर दबाव महसूस किए बग़ैर बड़े-बड़े शॉट्स लगाएंगे? क्या प्रसिद्ध कृष्णा मिलर को चौके छक्के जड़ने से रोक पाएंगे? चहल और अश्विन की गेदों पर हार्दिक की रणनीति क्या होगी? ये सब बस कुछ ही घंटों में आपके सामने होगा जब आज रात दोनों टीमें आईपीएल 2022 का चैंपियन बनने के इस सबसे बड़े मुक़ाबले में आमने-सामने होंगी और जीत उसी की होगी जो अपनी सभी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में कामयाब होगी.

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