Climate Change: ओजोन परत को नष्ट कर रहा है जंगलों की आग का धुआं
Climate Change: वायुमंडल (Atmosphere) में रासायनिक संरचना और जंगलों की आग (Wildfires) से निकले धुएं के कणों का अध्ययन वैज्ञानिकों ने पाया है कि ओजोन परत (Ozone Layer) को जंगलों की आग के धुएं से बहुत नुकसान पहुंच रहा है शोध में पाया है कि ओजोन परत में ओजोन का क्षरण तभी तक रहता है जब तक समतापमंडल में धुएं के कण मौजूद रहते हैं. उनका कहना है कि आग के लंबे समय तक रहने से ओजोन परत को बहुत अधिक और स्थायी नुकसान हो सकता है.
पृथ्वी (Earth) का रक्षा कवच कही जाने वाले ओजोन परत (Ozone Layer) को अभी तक प्रमुख रूप से मानवजनित प्रदूषण कारक पदार्थों से ही नुकसान होता था. लेकिन नए अध्ययन में एक नया दावा किया गया है.
सूर्य से आने वाले पराबैंगनी किरणों को रोकने वाली ओजोन परत को अब दुनिया भर के जंगलों में लगने वाली आग के धुएं (Smoke of Wildfires) से भी खतरा है. यह धुआं अब ओजोन परत को खराब करने लगा है. विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर जलवायु परिवर्तन के साथ साथ समय और जगह दोनों के लिहाज से जंगलों की आग ज्यादा व्यापक होती गईं, तो और भी ज्यादा मात्रा में पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर आने लगेंगीं.
साइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में वाटरलू यूनिवर्सिटी के वायुमंडलीय रसायनविदों ने पाया है कि साल 2019 और 2020में ऑस्ट्रेलिया (Australia) के जंगलों की आग (Wildfire) से निकला धुआं दक्षिणी गोलार्द्ध के वायुमंडलीय ओजोन (Ozone) को महीनों तक नष्ट करता रहा. इस वजह से समतापमंडल में स्थिति सूर्य की पराबैंगनी किरणों को रोकने वाली ओजन परत कमजोर हो गई.
Climate Change
ओजोन परत (Ozone Layer) पृथ्वी के वायुमंडल (Atmosphere) में समतापमंडल के शुरु और क्षोभमंडल के ठीक ऊपर स्थित है. यहां पर मौजूद ओजोन सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करती रहती हैं. जिससे ये हानिकारक किरणें पृथ्वी (Earth) की सतह पर नहीं पहुंच पाती हैं. पराबैंगनी विकिरण पृथ्वी पर जीवन के लिए बहुत ही नुकसानदेह होता है. इसी वजह से ओजोन परत को जीवन रक्षक ढाल भी माना जाता है.
ओजोन परत (Ozone Layer) को नुकसान पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पहले 20वीं सदी के उत्तरार्द्ध में वैज्ञानिकों ने पाया था कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन और आयोडिन वाले मानवजनित प्रदूषकों की वजह से अंटार्कटिका (Antarctica) में ओजोन का क्षरण हो रहा है. हालात ऐसे हो गए थे कि वैज्ञानिकों को बाद में ऐलान करना पड़ा कि ओजोन परत में छेद हो गया है.
1987 में मोंट्रियॉल प्रोटोकॉल लागू करने के बाद से स्थिति में कुछ हद तक रोक लग सकी है. लेकिन इस बार ओजोन क्षरण का कारण जंगलों की आग का धुआं (Smoke of Wildfires) पाया गया है.
शोधकर्ताओं ने कैनेडियन स्पेस एजेंसी के एटमॉस्फियरिक कैमिस्ट्री एक्सपेरिमंट सैटेलाइट का उपयोग कर समतापमंडल (Stratosphere) में धुएं के कणों का प्रभाव मापने का काम किया. इस अध्ययन के प्रमुख लेखक और वाटरलू के रसायन विभाग के शोधकर्ता प्रोफेर पीटर बेर्नेथ ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया (Australia) में लगी आग से धुएं के अम्लीय कण समतापमंडल में चले गए जिससे ओजोन परत (Ozone Layer) में क्लोरीन, हाइड्रोजन और नाइट्रोजन का रासायनिक संयोजन बिगड़ गया.
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