दुनिया में ऐसे बहुत से रहस्य हैं, जिनके बारे में सभी लोग नहीं जानते। एक ऐसा ही रहस्य है साइप्रस देश का वरोशा शहर, जो कभी आबाद हुआ करता था, लेकिन अब यह शहर वीरान पड़ा है। वरोशा शहर को दुनिया के सबसे बड़े घोस्ट टाउन (भूतों का शहर) के तौर पर भी जाना जाता है।
Ghost Town
यहां ऊंची-ऊंची इमारतें तो बनी हुई हैं, लेकिन यहां रहने वाला कोई नहीं है। इस शहर में मौजूद होटल, रेजिडेंशियल (आवासीय) इमारतों से लेकर बार और रेस्टोरेंट तक सब अब खंडहर में तब्दील होने की कगार पर हैं।
फमागस्ता प्रांत के वरोशा में एक छोटे से भूभाग को छोड़कर अब यहां के ज्यादातर बीच हमेशा-हमेशा के लिए बंद कर दिए हैं। फेंसिंग में कैद इस शहर के अंदर घुसना तो दूर की बात है, बाहर से अगर किसी ने तस्वीर भी लेने की कोशिश की तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 45 साल पहले इस शहर की आबादी करीब 40,000 थी, लेकिन साल 1974 में एक डर की वजह से पूरा का पूरा शहर रातोंरात खाली हो गया था। इस शहर से सटे बाकी शहरों में दिन-रात रौनक रहती है, लेकिन यह बिल्कुल वीरान पड़ा है।
दरअसल, जुलाई 1974 में तुर्की सेना ने साइप्रस पर ग्रीस राष्ट्रवादियों के तख्तापलट के विरोध में हमला कर दिया था, जिसके बाद नरसंहार के डर से पूरा का पूरा शहर एक ही रात में खाली हो गया और यहां रहने वाले लोगों ने आस-पास के शहरों में जाकर शरण ले ली।
तुर्की के हमले की वजह से साइप्रस दो हिस्सों में बंट गया, जिसका नाम ग्रीस साइप्रस और तुर्की साइप्रस है। वरोशा शहर फिलहाल तुर्की सेना के कब्जे में है। यहां सिर्फ तुर्की की पेट्रोलिंग टीम ही आ सकती है। इसके अलावा यहां किसी को भी आने की इजाजत नहीं है।