israel pakistan conflict explained : क्यों पाकिस्तान को मान्यता नहीं देता इजरायल, नहीं रखता कोई संबंध

By | April 2, 2022
israel pakistan conflict explained

israel pakistan conflict explained : क्यों पाकिस्तान को मान्यता नहीं देता इजरायल, नहीं रखता कोई संबंध

इजरायल का जन्म 14 मई 1948 को हुआ था. पाकिस्तान इससे थोड़े पहले ही आजाद हो चुका था लेकिन इजरायल के राजनयिक रिश्ते भारत से तो बहाल हुए लेकिन उसने ना तो कभी पाकिस्तान को मान्यता दी और ना ही कभी उससे कोई रिश्ते रखे. आखिर क्या है वजह

एक देश की तरफ से दूसरे देश को मान्यता नहीं देने का मतलब है कि पहला देश, दूसरे देश के साथ किसी भी तरह का संबंध नहीं रखता. इजरायल और पाकिस्तान का आपस में कोई रिश्ता, कोई संबंध नहीं.

इजरायल का पाकिस्तान के साथ राजनैतिक या व्यावसायिक तौर पर कोई रिश्ता, कोई लेन-देन नहीं है. दोनों मुल्कों में बैर की हद ये है कि पाकिस्तान अपने नागरिकों को इज़रायल जाने की इजाजत नहीं देता. सभी पाकिस्तानी पासपोर्ट पर साफ़ शब्दों में लिखा है कि यह पासपोर्ट इजरायल को छोड़कर दुनिया के सभी देशों के लिए मान्य है.

इजरायल पाकिस्तान को मान्यता इसलिए नहीं देता, क्योंकि पाकिस्तान धार्मिक आधार पर फिलिस्तीन को मान्यता देता है. इजरायल और फिलस्तीन की तनातनी दुनिया भर में वैसे ही जानी जाती है जैसे भारत-पाकिस्तान संबंध. 1948 में विभाजन के बाद इजरायल और फिलिस्तीन दो देश बने थे. इजरायल और फिलिस्‍तीन में अब भी दुश्‍मनी जिस बात पर है वो गाजा क्षेत्र है. दोनों ही मुल्‍क गाजा क्षेत्र पर अपना-अपना दावा करते रहे हैं.

इजरायल और फिलिस्‍तीन के बीच झगड़े की असली जड़ है पश्चिम एशिया का वह इलाका जहां यहूदी अपना हक जातते थे, यह वह इलाका था जहां सदियों पहले यहूदी धर्म का जन्म हुआ था. यही वो जमीन थी जहां ईसाई धर्म का जन्म हुआ. बाद में इस्लाम के उदय से जुड़ा इतिहास भी यहीं लिखा गया. यहूदियों के दावे वाले इसी इलाके में मध्यकाल में अरब फिलिस्तीनियों की आबादी बस चुकी थी.

1922 से ये इलाका ब्रिटिश हुकूमत के कब्जे में था. फिर भी यहूदियों और फिलिस्तीनियों के बीच, यहां दबदबे को लेकर गृहयुद्ध जारी था.

सैन्य शक्तियों के आधार पर इज़रायल बेहद मज़बूत देश माना जाता है. इसका लोहा अमेरिका समेत पूरा विश्व मानता है. मज़बूत सैन्य शक्ति होने के पीछे बहुत से कारण हैं. उन्हीं में से एक ये है कि यहां हर परिवार से एक शख्स का सेना में शामिल होना जरूरी है. सेना में जाने के लिए जेंडर से कोई फर्क नहीं पड़ता. इजरायल में महिलाओं को भी सेना की ट्रेनिंग लेना अनिवार्य है.

इजरायल की थल सेना, नौ सेना और वायु सेना के बीच काफी गहरे संबंध हैं. यानी सेना तीनों विंग एक दूसरे से हर जरूरी सूचना साझा करते हैं और हर ऑपरेशन की जानकारी तीनों विंग के अफसरों को दी जाती है. इस देश के पास अपना Defense System है. इजरायल किसी भी देश से अपने सैटेलाइट साझा नहीं करता. इजरायल अब तक 7 बड़े युद्ध लड़ चुका है और हर बार जीता है.

इजरायल एक यहूदी देश है. यहां के संस्थापक और पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरीयन नास्तिक थे. दुनिया में कहीं भी रह रहे यहूदी को इजरायल का नागरिक माना जाता है. यहां की अधिकारिक भाषा अरबी और हिब्रो है. कई मुस्लिम देश इसके दुश्मन है. इज़रायल की राजधानी और यहां का सबसे पवित्र स्थल जेरूसलम है. यह दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है. राजधानी जेरूसलम को दो बार तबाह किया जा चुका है.

इज़रायल को 23 दफा चारों तरफ से दुश्मन सेना द्वारा घेर लिया गया, 52 दफा आक्रमण हुए, 44 दफा कब्जे में लिया गया.

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