
parenting tips: बच्चे को छोटी उम्र से सिखानी चाहिए ये 5 सोशल स्किल्स, स्ट्रॉन्ग रिलेशनशिप के लिए हैं जरूरी
parenting tips: बच्चों को बचपन में काफी सारी बातें सिखाई जाती है। फिर चाहें वो खुद खाना खाने की बात हो या फिर उन्हें किसी बात को लेकर समझाने की। बच्चों को एक बार जो सिखा दिया जाता है, उसके बाद उन चीजों में बदवलाव करना मुश्किल होता है, क्योंकि बच्चे इश बात को समझने के लिए तैयार नहीं होते की जो पहले सिखाया वो सही है या जो बाद में उसे सिखाया जा रहा है वह सही है।
ऐसे में अगर आप बच्चे के साथ स्ट्रॉन्ग रिलेशन शेयर करना चाहते हैं तो आपको बचपन में ही बच्चे को सोशल स्किल्स सिखाने की जरूरत है। जानें 5 जरूरी स्किल्स, जो हर किसी को अपने बच्चे को कम उम्र में ही सिखाना चाहिए।
1) चीजें बाटना (शेयर करना) parenting tips
बचपन से सिखाना चाहिए कि ‘शेयरिंग इज केयरिंग’ यानि दूसरों के साथ बाटना देखभाल करने जैसा है। अपने बच्चों को शेयर करने के महत्व को बताने से स्ट्रॉन्ग रिलेशन बनाने में मदद मिल सकती है। शेयर करना बच्चों को समझौता और निष्पक्षता सिखाता है। इससे उन्हें यह सीखने में मदद मिलती है कि अगर वे दूसरों को थोड़ा देते हैं, तो बदले में उन्हें भी कुछ मिल सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे केवल तभी शेयर करने की इच्छा दिखाते हैं जब उनके पास बहुत ज्यादा मात्रा में चीजें हों, तीन से छह साल की उम्र के बीच, वे थोड़े स्वार्थी होते हैं। सात या आठ साल की उम्र तक, बच्चे निष्पक्षता के बारे में अधिक परेशान हो जाते हैं और दूसरों के साथ शेयक करने के लिए तैयार हो जाते हैं।
2) सुनना parenting tips
सुनना एक और सोशल स्किल है, जिसमें ज्यादातर लोगों की कमी होती है, जिसमें बड़े भी शामिल हैं। सुनने का अर्थ यह नहीं है कि जब दूसरा बोल रहा हो तो चुप रहना, बल्कि समझना कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं। जैसे बातचीत में बात करना और अपनी बात सामने रखना जरूरी है, वैसे ही सुनना भी जरूरी है। यह बच्चों को अकेडमिक्स में भी मदद करता है।
3) को-ऑपरेटिंग parenting tips
सहयोग का मतलब आम तौर पर एक सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दूसरे व्यक्ति के साथ अच्छे ढंग से काम करना होता है। स्किल्स में महारत हासिल करने से दूसरे व्यक्ति और समुदाय के साथ जुड़ने में मदद मिलती है। एक-दूसरे का सहयोग करने से बच्चों को दूसरों से सम्मान भी मिलता है। किसी भी लक्ष्य को आधा पूरा करने से उन्हें दूसरे लोगों की भावनाओं और विचारों को स्वीकार करना सीखने में मदद मिलेगी।
4) पर्सनल स्पेस की रिस्पेक्ट parenting tips
हर रिश्ते की शारीरिक और भावनात्मक सीमाएं होती हैं। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग होता है, और हमें सभी का सम्मान करना चाहिए। कई बार मिलनसार होते हुए भी ज्यादातर लोग हदें पार कर जाते हैं। मिलनसार होना और दूसरों के पर्सनल स्पेस का सम्मान करना दो अलग-अलग चीजें हैं और दोनों के बारे में पता होना चाहिए। अपने बच्चे को सिखाएं कि कैसे परमिशन मांगें और बाउंडरी की पहचान करें।
5) मैनर्स parenting tips
अच्छे मैनर्स सिखाना भी सोशल स्किल्स का एक हिस्सा है। थैंक यू, सॉरी का सही इस्तेमाल और टेबल तरीके का इस्तेमाल करने का एक अच्छा तरीका आपकी काफी मदद कर सकता है। ये स्किल स्कूल में पढ़ाए जाते हैं, लेकिन आपको भी इसकी प्रेक्टिस बच्चों से करवाते रहना चाहिए।
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