Ratan Tata को मिला मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाने का ठेका

By | September 10, 2021
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Ratan Tata को मिला मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाने का ठेका, 6000 लोगों को मिलेगी नौकरी

Ratan Tata News : भारत के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा का करीब 7 साल पुराना सपना साकार हो रहा है। रतन टाटा की कंपनी टाटा और एयरबस ने साल 2014 के अक्टूबर में भारतीय वायु सेना को एयरबस c295 ट्रांसपोर्ट विमान के लिए संयुक्त बोली लगाई थी। अब कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने नए मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की खरीद को हरी झंडी दे दी है।

मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट टाटा और एयरबस मिलकर भारत में बनाएंगी। ऐसा पहली बार हो रहा है जब मिलिट्री एविएशन से जुड़ा कोई कांट्रैक्ट देश की किसी निजी कंपनी को दिया गया है। इससे आने वाले सालों में 6000 से ज्यादा रोजगार के मौके बनेंगे। देश में एविएशन की अत्याधुनिक तकनीक लाने में भी इस पहल से काफी मदद मिलने की उम्मीद है।

कितने का है सौदा?

मिलिट्री एयरक्राफ्ट की यह डील 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की हो सकती है। देश में साल 2012 से ही 56 C295MW ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की दिशा में काम चल रहा है लेकिन इस साल फरवरी में यह मामला CCS के पास पहुंचा था। 16 विमान एयरबस डिफेंस (स्पेन) से आयात किए जाएंगे जबकि बाकी विमान 10 साल में टाटा की फैसिलिटी में तैयार किए जाएंगे।

नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद

कोस्ट गार्ड और दूसरी एजेंसियां भी इस तरह के विमानों के लिए ऑर्डर दे सकती हैं जिससे इनकी मांग बढ़ने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक भारत में बने C295MW विमानों को निर्यात किया जा सकता है क्योंकि यह एक किफायती प्रोजेक्ट हो सकता है।

पुराने करार में क्या?

साल 2014 की बोली के मुताबिक टाटा और एयरबस ने भारतीय वायुसेना को एयरबस सी295 परिवहन विमानों की सप्लाई के लिए संयुक्त बोली लगाई है। आईएएफ ने अपने बेड़े में 56 पुराने पड़ चुके एवरो विमानों की जगह नए परिवहन विमान शामिल करने का कार्यक्रम बनाया है। अगर उन्हें यह बोली जीतने में सफलता मिलती है, तो यूरोप की विमानन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एयरबस पहले 16 विमानों की सप्लाई करेगी। बाकी 40 विमान टाटा अडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएस) भारत में मेन्युफेक्चर और असेंबल करेगी।

विमानों पर लगेगा स्वदेशी सिस्टम

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है जिसमें कोई निजी कंपनी देश में सैन्य विमान बनाएगी। अब तक यह जिम्मा सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के पास था। अब पहली बार कोई निजी कंपनी देश के लिए मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाएगी। सभी 56 विमानों पर स्वदेशी Electronic Warfare Suite सिस्टम लगेगा।

एवरो विमान की लेंगे जगह

ये विमान पुराने पड़ चुके एवरो (Avro) विमानों की जगह लेंगे। इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि इस विमान को निर्यात करने की भी योजना है। एक सूत्र ने कहा, ‘यह एक डीप मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट है जिसमें एक तरफ एल्युमीनियम ब्लॉक्स को आयात किया जाएगा और दूसरी ओर फाइनन एसेंबली लाइन से तैयार विमान निकलेगा।

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