देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम (Paytm) का शेयर गुरुवार को शेयर बाजार में लिस्ट हुआ। लेकिन यह निवेशकों की उम्मीदों को तोड़ गया। पहले ही दिन यह अपने इश्यू प्राइस से 27 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुआ।
नई दिल्ली
पेटीएम (Paytm) की लिस्टिंग ने उन लाखों निवेशकों की उम्मीदों को तोड़ दिया जो पहले दिन बंपर कमाई की उम्मीद पाले बैठे थे। बीएसई (BSE) पर औपचारिक ट्रेडिंग के लिए परंपरागत घंटा बजाने से पहले कंपनी के सीईओ विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) ने कहा कि युवा देश के सपने मेरे साथ हैं। लेकिन इसके एक घंटे बाद स्थिति पूरी तरह बदल गई। कंपनी का शेयर 9.30 फीसदी डिस्काउंट के साथ लिस्ट हुआ और फिर 27 फीसदी से अधिक गिरावट के साथ बंद हुआ।
आलोचकों का कहना है कि शर्मा रेकॉर्ड बनाना चाहते थे लेकिन उनकी यह महत्वाकांक्षा उन पर भारी पड़ी। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि वह इसे देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बनाना चाहते थे। अब तक यह रेकॉर्ड कोल इंडिया के नाम था जिसका आईपीओ 2010 में आया था। पेटीएम ने Morgan Stanley और Goldman Sachs Group Inc. जैसे बैंकों की मदद से अपने आईपीओ का आकार और इश्यू प्राइस बढ़ाई। जिन निवेशकों ने इस पर पैसा लगाया, उन्हें भारी नुकसान हुआ है। इसमें रिटेल इनवेस्टर्स के साथ-साथ BlackRock Inc. और Canada Pension Plan Investment Board जैसे दिग्गज निवेशक भी हैं।
प्रॉफिट में कब आएगी कंपनी
देश के सबसे बड़े ब्रोकरेज Zerodha Broking Ltd के को-फाउंडर निखिल कामत ने कहा कि शेयर बाजार में तेजी के कारण देश में आईपीओ को लेकर लोगों में जबरदस्त क्रेज है। यह लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। लेकिन पेटीएम को प्रॉफिट में आने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है और इसका इश्यू प्राइस वाजिब नहीं था। लेकिन शर्मा चीजों को अलग नजरिए से देखते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं भविष्य को लेकर इतना उत्साहित कभी नहीं था। शेयर में गिरावट कंपनी की वैल्यू का इंडिकेटर नहीं है।
आलोचकों का कहना है पेटीएम ने आईपीओ का इश्यू प्राइस फाइनल होने से पहले बड़े-बड़े वादे किए थे लेकिन कंपनी इन्हें पूरा कैसे करेगी। मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष में कंपनी के कोर पेमेंट्स और फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनस की सेल 11 फीसदी बढ़ी लेकिन ओवरऑल रेवेन्यू में 10 फीसदी की गिरावट आई। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनस के मुताबिक अलीबाबा जैसे निवेशकों से मिल रही कैपिटल ने पेटीएम को अपने बिजनस मॉडल और मुनाफे को लेकर लापरवाह बना दिया है।
आगे कैसी रहेगी चाल
आईपीओ प्रोसेस के दौरान पेटीएम और इसके निवेशकों ने वैल्यूएशन को बढ़ा दिया। इसके इश्यू प्राइस का अपर बैंड 2150 रुपये था। इसके लिए परेशानी के संकेत तभी शुरू हो गए थे जब पहले दिन इसे बहुत कम बोलियां मिली थीं। एक बैंकर ने कहा कि कंपनी के पास निवेशकों को इनसेंटिव देने के लिए ज्यादा पर्याप्त पैसा नहीं है जो भविष्य के लिए एक सबक है। अब कंपनी को हर तीन महीने में अपना लेखा-जोखा देना होगा और अगले 12 से 18 महीने में मुनाफे में आना होगा।
पेटीएम के शेयर में गिरावट का दौर आगे भी जारी रहने का अंदेशा है। पेटीएम की लिस्टिंग से पहले Macquarie Capital Securities (India) Pvt. Ltd. ने एक रिपोर्ट में इसे underperform रेटिंग देते हुए 1,200 रुपये का प्राइस टारगेट दिया। यह इसके इश्यू प्राइस से 44% कम है। उनसे पेटीएम को कैश बर्निंग मशीन (cash burning machine) बताया। कंपनी की चुनौती मुनाफे के साथ बिजनस बढ़ाने की है।