By | April 19, 2022
10 minute delivery anand mahindra

10 minute delivery: आनंद महिंद्रा की राय से खफा हुए एक कंपनी के सीईओ, समझाया 10 मिनट में डिलीवरी का पूरा गणित!

10 minute delivery: जब से यह 10 मिनट में डिलीवरी की बातें शुरू हुई हैं, तभी से इसे अमानवीय कहा जा रहा है। ब्लिंकिट, स्विगी, उबर ईट्स, ओला, जेप्टो और ना जाने कौन-कौन सी कंपनियां इस रेस में कूद रही हैं। आनंद महिंद्रा ने भी माना है कि यह डिलीवरी करने वाले शख्स के लिए सही नहीं है। हालांकि, कंपनियां इसके अपने ही तर्क दे रही हैं, जिनमें से एक तो आपको भी सुनना चाहिए।

कुछ समय पहले ही ब्लिंकिट (Blinkit) ने 10 मिनट में डिलीवरी सेवा (10 minute delivery) की शुरुआत की थी। उसके बाद स्विगी (Swiggy) ने भी 10 मिनट में राशन डिलीवरी की सुविधा शुरू कर दी। जब से यह 10 मिनट में डिलीवरी की बातें शुरू हुई हैं, तभी से इसे अमानवीय कहा जा रहा है। आरोप लग रहे हैं कि ये कंपनियां अपने कर्मचारियों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। अब आनंद महिंद्रा ने भी एक ऐसा ट्वीट रीट्वीट कर दिया है, जो 10 मिनट में डिलीवरी को अमानवीय बता रहा है।

हाल ही में टाटा मेमोरियल के डायरेक्टर प्रमेश ने स्विगी और उबर ईट्स को टैग करते हुए एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा- ‘मुझे परवाह नहीं कि इस ट्वीट के लिए मुझे कितना ट्रोल किया जाएगा, लेकिन 10 मिनट में राशन की डिलीवरी करवाना दरअसल डिलीवरी करने वाले व्यक्ति के साथ सिर्फ ‘अमानवीयता’ है। बस बंद करो इसे! ग्राहक 2 घंटे क्या 6 घंटे के डिलीवरी टाइम के साथ भी जिंदा रह सकते हैं।’

आनंद महिंद्रा ने उस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि वह इस बात से समहत हैं। बस फिर क्या था, ट्वीट्स का एक सिलसिला शुरू हो गया। कोई उनके साथ है, तो कोई उनके खिलाफ।

आनंद महिंद्रा के इस ट्वीट के बाद जेप्टो के फाउंडर और सीईओ आदित पलीचा (Aadit Palicha) ने ट्वीट करते हुए एक अलग तर्क रखा, जिस पर आनंद महिंद्रा ने कहा है कि इसका दूसरा पहलू देखना भी जरूरी है। आदित ने ट्वीट में लिखा- मिस्टर महिंद्रा, 10 मिनट डिलीवरी कम दूरी के लिए है, ना कि स्पीड से डिलीवरी के लिए।

जेप्टो डिलीवरी की औसत दूरी 1.8 किलोमीटर है। 1.8 किलोमीटर 10 मिनट में जाने के लिए ड्राइवर को सिर्फ 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चलानी होगी। यही वजह है कि जेप्टो में औसत बाइक एक्सिडेंट की तुलना में 3.1 गुना कम एक्सिडेंट रेट है।

आनंद महिंद्रा के अलावा भी बहुत सारे लोग हैं, जिन्हें 10 मिनट डिलीवरी का कॉन्सैप्ट पसंद नहीं आया। एक ट्विटर यूजर ने लिखा- Zomato एक तरह का जिन्न बनाने की कोशिश कर रहा है। एक बार बस कोई कस्टमर किसी चीज का ऑर्डर दे और जिन्न हाजिर होकर बोलेगा ‘जो हुक्म मेरे आका’ और आपकी सारी डिमांड पूरी कर देगा।

एक अन्य यूजर ने कहा कि डिलीवरी करने वाला शख्स कोई मशीन नहीं है। उसने लिखा, ‘ये कंपनियां डिलीवरी टाइम घटा रही हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी के नाम पर कुछ नहीं कर रहीं। ना ही ऐसा कुछ इन्वेंट कर रही हैं जो वास्तव में 10 मिनट डिलीवरी को संभव कर सके।’

एक यूजर ने तो यह लिख दिया कि डिलीवरी करने वाले शख्स के लिए ये बहुत खतरनाक है, साथ ही यह ग्राहकों को आलसी बनाने वाला और अनप्लान्ड रहने में मदद करने वाला है। आगे उन्होंने लिखा है कि वेंचर कैपिटलिस्ट के पैसों का कुछ और भी सही इस्तेमाल हो सकता है।

तमाम कंपनियों में फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी को लेकर अब कम से कम समय में समान पहुंचाने की होड़ लग गई है। ऐसे में कुछ लोग भले ही ऐसी सेवा पाकर खुश हो रहे हों, लेकिन ऐसे भी लोगों की कमी नहीं है जो इसके खिलाफ दिख रहे हैं। लोगों का मानना है कि यह सही नहीं है और इससे डिलीवरी करने वाले की जान को भी खतरा हो सकता है।

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